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जीत गए तो दो दिन ज्यादा सैर-सपाटा, नहीं तो दो दिन बाद ही कम बैक

  • बाड़ेबंदी में चल रहा सियासी पर्यटन, सैर-सपाटे पर निकले प्रत्याशी
  • राजनीतिक दलों की बाड़ेबंदी, नतीजे आने पर वापस आ जाएंगे हारे हुए प्रत्याशी

जयपुर. प्रदेश के छह जिलों में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य चुनाव के बाद प्रत्याशी अब सियासी पर्यटन पर हैं। एक तरह से इसे सियासी पर्यटन का सीजन कह सकते हैं। उम्मीदवारों को विभिन्न स्थलों पर सैर सपाटा करवाया जा रहा है। बाड़ेबंदी कहे या पर्यटन, लेकिन इतना तय है कि इन उम्मीदवारों में से कुछ सदस्य दो दिन बाद घर भेज दिए जाएंगे। जीते हुए प्रत्याशी इस सीजन का दो दिन ज्यादा लुत्फ ले सकेंगे। राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों को अभी बाड़ेबंदी में रखा है, लेकिन चुनाव नतीजे के बाद जैसे ही स्थिति साफ होगी, हारे हुए प्रत्याशी कम बैक हो जाएंगे। इसके बाद प्रमुख व प्रधान के चुनाव होने तक केवल जीते हुए प्रत्याशी ही इस सैर-सपाटे का आनंद ले सकेंगे। हां, इस दौरान अन्य दल व निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने कब्जे में करने की उठापठक भी चलती रहेगी। प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, सिरोही, दौसा, भरतपुर व सवाईमाधोपुर जिलों में चुनाव चल रहे हैं।#RajasthanPanchayatRajElection

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इसलिए भाजपा ज्यादा सतर्क
छह जिलों के पंचायतराज चुनाव के नतीजों से पहले ही उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी शुरू हो गई है। क्रॉस वोटिंग के डर से बाड़ेबंदी के मामले में बीजेपी और ज्यादा सतर्क है। आमतौर पर सत्ताधारी दल कुछ ज्यादा ही फायदा उठा लेता है इसलिए इनको सतर्क रहता आवश्यक भी है। तीनों चरण में चुनाव हो चुके हैं। अब केवल नतीजों का इंतजार है। सत्ताधारी कांग्रेस व विपक्षी दल भाजपा ने अपने-अपने उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी कर दी है।

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झील में वोटिंग और मॉल में शॉपिंग
प्रत्याशियों को राजस्थान के पुष्कर, नागौर, उदयपुर समेत कई जगहों पर भ्रमण करवाया जा रहा है। कई उम्मीदवारों को प्रदेश से बाहर भी ले जाया गया है। कांग्रेस व भाजपा ने अपने-अपने सदस्यों को अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट कर रखा है। किसी के जिम्मे पंचायत समितियां हैं तो किसी के जिम्मे जिला परिषद सदस्य। ऐसे में सावचेती बरतते हुए चुनाव परिणाम आने तक भ्रमण करवाया जा रहा है। बाड़ेबंदी में शामिल प्रत्याशी झीलों में वोटिंग से लेकर मॉल में शॉपिंग तक का आनंद ले रहे हैं।

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तब कड़ी हो जाएगी बाड़ेबंदी
बाड़ेबंदी में रखे गए उम्मीदवारों को अभी सैर सपाटा करवाया जा रहा है। 4 सितंबर को रिजल्ट आने के बाद असली बाड़ेबंदी शुरू होगी। पंचायत समिति और जिला परिषद में बहुमत के आंकड़े के बारे में पता लगने के बाद बहुमत पूरा करने के लिए जोड़-तोड़ होना तय माना जा रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी दोनों एक दूसरे के जीते हुए उम्मीदवारों को तोडऩे की कोशिश करेंगे। ऐसे में बाड़ेबंदी भी कड़ी हो जाएगी। 4 सितंबर को परिणाम आने के बाद बाड़ेबंदी से उम्मीदवारों के निकलने पर पाबंदी लग जाएगी।#Political tourism going on in the enclosure, the candidates went out on excursions

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