निर्माण विभाग की मनमर्जी: अनदेखी का कहर झेल रहे आदिवासी रास्ते

बरसाती नाले पर निर्बाध आवागमन के लिए बनाई रपट बन गई तालाब, गुजरना हो रहा मुश्किल
सिरोही. सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनदेखी में ठेकेदारों की मनमर्जी हावी रहती है। मामला यदि आदिवासी क्षेत्र का हो तो निर्माण कार्य भी मनमर्जी से ही किए जाते हैं। जिले के आबूरोड क्षेत्र में ऐसा ही एक निर्माण सामने आया है। कहने को यहां बरसाती नाले पर रपट बनाई गई है, लेकिन रपट पर ही पानी भर रहा है। ऐसे में लोगों के आवागमन मुश्किल हो गया है। जनप्रतिनिधियों ने करीब सात माह पहले ही इस सम्बंध में विभाग को चेताया था, लेकिन अभी तक कोई असर नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार गिरवर ग्राम पंचायत के अधीन भामरों की फली तक सम्पर्क सड़क पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से डामरीकरण व रपट का निर्माण किया गया था। रपट पर बारिश में पानी का भराव हो रहा है। यह आवागमन में भी बाधक बना हुआ है। कम ऊंचाई की रपट होने से जल भराव एक तरह से तालाब का रूप ले चुका है। ऐसे में आदिवासी लोगों के लिए इस नाले पर रपट बनना या न बनना एक जैसा हो गया।
चोटिल हो रहे वाहन चालक
गिरवर ग्राम पंचायत की धामसराफली में गोवाराम गरासिया के घर समीप स्थित इस कम ऊंचाई की रपट पर जल भराव हो रहा है। तालाब सा बना होने के कारण आवाजाही में समस्या हो रही है। कई दुपहिया वाहन इसे पार करने की हिम्मत जुटाते हैं, लेकिन बीच में बाइक बंद हो जाता है या फिसल कर गिर रहे हैं।
फिर भी राहत नहीं दे पाए
बताया जा रहा है कि गिरवर सरपंच शर्मीली बेन ने सात माह पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग को ग्राम पंचायत के जरिए पत्र भी भेजा था। इसमें बताया था कि इस मार्ग पर आवागमन निर्बाध रखने के लिए रपट का पुनर्निर्माण होना चाहिए। विभाग नहीं करवा पाए तो एनओसी जारी की जाए, ताकि ग्राम पंचायत इसमें काम करवा सके। गत फरवरी माह में लिखित रूप से विभाग को यह सब देने के बावजूद न तो किसी ने काम करवाया और न लोगों को राहत मिली।#Public Works Department’s will: Tribal roads facing the ignore