- स्कूल शुरू करने से पहले अभिभावकों से वार्ता करनी थी, लेकिन राज्य सरकार ने निर्णय थोपा
- संयुक्त अभिभावक संघ ने लगाए आरोप, स्कूलों में न गाइड लाइन की पालना हो रही और न कहीं सुनवाई
जयपुर. प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों को खोले जाने के निर्णय पर संयुक्त अभिभावक संघ (joint parent association jaipur) ने बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किए जाने के आरोप लगाए हैं। इसमें स्पष्ट कहा है कि स्कूल खोले जाने से पहले अभिभावकों से राय ली जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में आकर अभिभावकों पर यह निर्णय थोपा है। यही कारण रहा कि अभिभावकों व बच्चों ने स्कूलों से दूरी बनाई हुई है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने आरोप लगाया है कि जिस प्रकार कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूलो को खोलने के निर्णय पर अभिभावकों की राय नहीं ली गई। इसी तरह छठी से आठवीं तक के स्कूल खोलने के निर्णय पर भी अभिभावकों की राय नहीं ली। सोमवार से स्कूल खोलने का निर्णय पूरी तरह से निजी स्कूलों के दबाव में आकर लिया गया निर्णय है। जिसके चलते प्रदेश का अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से चिंतित है। इसी का परिणाम है कि पहले दिन केवल दस फीसदी बच्चे ही स्कूल तक पहुंचे।
‘जबरन थोपा निर्णयÓ
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने आरोप लगाते हुए बताया कि राज्य सरकार पूरी तरह निजी स्कूलों के संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है। सरकार को स्कूल खोलने से पहले अभिभावकों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन निजी स्कूलों के फैसले अभिभावकों पर जबरन थोपे जा रहे हैं। आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग ने विशेषज्ञों की राय को भी दरकिनार कर दिया। अमरीका, इंग्लैंड जैसे देशों के हालात भी दरकिनार कर दिए तथा स्कूल खोलने का निर्णय थोप दिया।
‘नहीं हो रही गाइड लाइन की पालनाÓ
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल व विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में स्कूल खोल दिए, लेकिन गाइड लाइन बिल्कुल पालना नहीं हो रही। शिक्षा विभाग भी गाइड लाइन को लेकर सतर्कता नहीं बरत रहा। अभिभावकों की शिकायतों पर भी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन क्लास तक के विकल्प बंद कर दिए। बच्चों को जबरन स्कूल बुलाया जा रहा है। बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद की जा रही है।