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सिरोही-जालोर मुख्य मार्ग पर पैबंद भी बिखरे, गड्ढों में गिरे बगैर गुजरना मुश्किल

एक ही लोकसभा क्षेत्र व एक ही प्रभारी मंत्री भी, लेकिन ग्रामीण सड़क से ज्यादा बदतर हाल

सार्वजनिक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों के मौन से फायदा उठा रहे ठेकेदार


सिरोही.
कहने को यह मार्ग लोकसभा क्षेत्र के दोनों जिलों को जोडऩे वाला है। इन दोनों ही जिलों के प्रभारी मंत्री भी एक ही हैं, लेकिन सड़क की दुर्दशा किसी ग्रामीण मार्ग से भी बदतर। जी हां, जालोर-सिरोही को जोडऩे वाला जावाल-वराडा मार्ग लम्बे अर्से से दुर्दशा का शिकार हो रहा है। सिरोही से जालोर सीमा तक इस मार्ग का निर्माण करवाया गया था, लेकिन निर्माण के बाद से ही यह लगातार खराब होता गया। इन दिनों यह मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। मरम्मत के नाम पर लगाए पैबंदों में भी गड्ढे हो चुके हैं। समझ सकते हैं कि पैबंद लगाने में कितनी क्वालिटी रखी होगी। सिरोही से जालोर सीमा तक महज तीस से पैंतीस किमी तक की इस सड़क पर अनगिनत गड्ढे हैं। गड्ढों में गिरे बगैर इस सड़क को पार करना नामुमकीन सा है।

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इनके मौन से फायदा उठा रहे ठेकेदार
इस मुख्य सड़क की बदहाली को देखा जाए तो मान सकते है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के जिम्मेदार इस ओर से मौन हैं। इसका कारण तो पता नहीं, लेकिन इतना तय है कि ठेकेदारों को इससे सीधा फायदा पहुंच रहा है। पूरा बजट जारी होने के बाद भी औपचारिक मरम्मत के कारण ठेकेदार चांदी काट रहे हैं, जबकि इस मार्ग पर चलने वाले लोग मुसीबत उठा रहे हैं।

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निर्माण में बेपरवाही और मरम्मत में लीपापोती
सिरोही में हालांकि इस बार बारिश ज्यादा नहीं हुई, लेकिन सड़कें फिर भी बिखर गई। निर्माण में बेपरवाही और मरम्मत में लीपापोती का इससे बेहतर उदाहरण और कहां मिल सकता है। कुछ साल पहले इस सड़क का निर्माण हुआ तब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इसका जायजा लिया था। उस दौरान बरलूट के पास सड़क किनारे बनी सुरक्षा दीवार एक ही धक्के में धराशायी हो गई थी। यह उदाहरण यह दर्शाने को काफी है कि सड़क के निर्माण में कितनी क्वालिटी रखी गई है।

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इस मार्ग पर चलने में तौबा करने लगते हैं लोग
इन दिनों सिरोही से गोयली, ऊड़, जावाल, बरलूट, मंडवारिया व वराडा तक का पूरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है। गड्ढों के कारण वाहनों का मैंटेनेंस बढ़ रहा है और वाहन चालक मुसीबत झेल रहे हैं। दुपहिया वाहन पर चलना तो हादसे को न्योता देने के बराबर ही है। जालोर तक का सफर करने वाले लोग एक बार में ही इस मार्ग पर चलने में तौबा करने लगते हैं। ऐसे में आए दिन सफर करने वाले लोगों को कितनी दुखदायी यात्रा करनी पड़ती होगी सोच ही सकते है।#Patches also scattered on the Sirohi-Jalore main road, difficult to pass without falling into the pits

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