- कई दफ्तरों में नदारद रहते हैं अधिकारी-कर्मचारी, प्रशासनिक सुधार आयोग की टीमों ने मारा छापा
जोधपुर. सरकारी कार्यों में काम के हाल सब जानते हैं। अधिकारी व कर्मचारियों का दफ्तरों में देरी से आना और नदारद रहना तो मानों रूटीन प्रक्रिया है। प्रशासनिक सुधार आयोग की टीम ने छापा मारा तो इनकी कार्यशैली खुलकर सामने आ गई। टीमों ने संभाग के विभिन्न जिलों में छापे मारे तथा दफ्तरों का जायजा लिया। अन्य जिलों की बात तो छोडि़ए मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही स्थिति काफी गंभीर नजर आई।
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के अतिरिक्त निदेशक व शासन उपसचिव भंवरसिंह सोलंकी ने बताया कि सरकारी कार्यालय में आम जनता के काम नहीं होने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासनिक सुधार आयोग की टीमों ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। जोधपुर के सरकारी विभागों की कार्यशैली की पोल बुधवार को खुल गई। प्रशासनिक सुधार आयोग की टीमों ने शहर के विभिन्न सरकारी विभागों में पहुंच हाजरी रजिस्टर की जांच की। जांच में सामने आया कि 205 राजपत्रित अधिकारी और 470 कर्मचारी तय समय पर अपने ऑफिस पहुंचे ही नहीं।
जब्त किए 93 कर्मचारी रजिस्टर
टीमों ने जोधपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, मथुरादास माथुर अस्पताल सहित कई सरकारी कार्यालयों से 93 कर्मचारी रजिस्टर जब्त किए गए। कार्रवाई सुबह 9.40 से 10.10 तक चली। इस दौरान कार्यालय में 343 राजपत्रित अधिकारियों में से 205 राजपत्रित अधिकारी और 1102 अराजपत्रित कर्मचारियों में से 470 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
अस्पताल में सबसे ज्यादा नदारद
सबसे अधिक मथुरादास माथुर अस्पताल में कर्मचारी और अधिकारी नदारद मिले। वहीं, जांच करने गई टीमों को नगर निगम और जेडीए का हाल भी कुछ अच्छा नहीं मिला।
इन जिलों में हुई कार्रवाई
प्रशासनिक सुधार आयोग की टीमों ने जोधपुर से पहले जालोर, सिरोही, पाली, हनुमानगढ़ व गंगानगर जिलों और उपखंड कार्यालय पर भी कार्रवाई की थी। बुधवार को टीमें जोधपुर पहुंची। नदारद मिले कर्मचारी व अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट उच्च स्तर पर प्रस्तुत की जाएगी।#Officers-employees remain absent in offices, teams of Administrative Reforms Commission raided