- दवा विक्रेता से मोटी रिश्वत ले रही ड्रग इंस्पेक्टर गिरफ्तार
- कहा, तेरी दुकान अच्छी चलती है इसलिए दस हजार लूंगी
- मेडिकल स्टोर की जांच नहीं करने की एवज में ली रिश्वत
जयपुर. दवा की दुकानों को निर्बाध रूप से चलाए देने की एवज में रिश्वत का खेल चल रहा है। जांच नहीं करने के रेट पहले से ही तय कर रखे हैं। हर दुकान से पांच हजार रुपए की रिश्वत ली जा रही है। कोई दुकान अच्छी चल रही है तो रेट और बढ़ जाता है। इस खेल में ड्रग इंस्पेक्टर (औषधि नियंत्रक अधिकारी) मोटी रकम वसूल रहे हैं। बताया जा रहा है कि रिश्वत की यह राशि ऊपर तक पहुंचाई जा रही है। ऐसा नहीं करने पर तबादला तक हो जाता है। एक-एक इंस्पेक्टर के अधीन दर्जनों दुकानें हैं। मोटा-मोटी गणित का आकलन लगाया जाए तो यह राशि हर माह लाखों रुपए में बैठती है।
ऊपर तक देना पड़ता है पैसा
जयपुर में इसी तरह का एक मामला सामने आया है। एसीबी ने कार्रवाई कर ड्रग इंस्पेक्टर सिंधु कुमारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने मेडिकल स्टोर की जांच नहीं करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि रिश्वत का पैसा ऊपर तक देना पड़ता है नहीं तो तबादला हो जाता है। इस खुलासे के बाद एसीबी के अधिकारी रिश्वत की बंदरबाट में शामिल औषधि विभाग के अन्य अधिकारियों के नाम जानने का प्रयास कर रहे हैं।
दुकान अच्छी चलती है इसलिए रेट बढ़ गए
एसीबी के एएसपी बजरंगसिंह (ACB ASP BAJARANGSINGH) के अनुसार दस दिन पहले परिवादी ने ड्रग इंस्पेक्टर (jaipur.drug inspector) सिंधु कुमारी के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें बताया था कि ड्रग इंस्पेक्टर जबरन दस हजार रुपए मांग रही है। परिवादी ने जब कहा कि रेट पांच हजार रुपए ही तो दस क्यों। इस पर इंस्पेक्टर का कहना था कि तेरी दुकान अच्छी चलती है। तुझसे 10 हजार रुपए ही लूंगी। शिकायत में बताया कि वह ड्रग इंस्पेक्टर को पहले ही पांच हजार रुपए दे चुका था, लेकिन और पैसे देने के लिए उसे परेशान किया जा रहा है।
रेस्तरां में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने सत्यापन करवाया। इसके बाद ट्रेप कार्रवाई को अंजाम दिया। ड्रग इंस्पेक्टर ने परिवादी को जयपुर में बीटू बाईपास स्थित एक रेस्तरां में बुलाया। यहां रिश्वत राशि लेते हुए एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
प्रतिमाह ली जा रही लाखों की रिश्वत
एसीबी की गिरफ्त में आई ड्रग इंस्पेक्टर सिंधु कुमारी मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं। जांच में सामने आया कि उसके अधीन सर्किल में 500 मेडिकल स्टोर हैं। जांच में सामने आया है कि मेडिकल स्टोर से जांच नहीं करने की एवज में तीन माह में 5 हजार रुपए की वसूली की जा रही थी। बताया जा रहा है कि एसीबी को पहले भी ड्रग इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायतें मिल चुकी है।#jaipur. drug inspector arrested taking hefty bribe from medical store owner