- बच्चे को जान देकर भुगतना पड़ता कार्मिकों की लापरवाही का खामियाजा
- महिला एवं बच्चों की आवाजाही के बावजूद खुला छोड़ रखा था हौज
सिरोही. जिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा एक बच्चे को जान देकर चुकाना पड़ता। गनीमत रही कि पापा साथ थे, अन्यथा तीन वर्षीय मासूम की जान चली जाती। जनाना विंग होने से यहां हर समय बच्चों की आवाजाही रहती है, लेकिन पानी का हौज खुला ही पड़ा था। ऐसे में खेलते हुए एक मासूम हौज में गिर गया। नजदीक ही बैठे पिता ने बच्चे को गिरते देखा तो होश उड़ गए। वे तत्काल ही हौज में कूदे तथा बच्चे को बचा लिया। पिता को सिर में चोटें आई। अस्पताल में ही उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।#sirohidistricthospital
खेलते हुए अंदर गिरा मासूम
जानकारी के अनुसार एक दम्पति अपने बच्चे की जांच करवाने आए थे। इस दौरान जनाना विंग में ही पिता निखिल अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ बैठे थे। तीन वर्षीय मासूम पास में ही खेल रहा था। खेलते हुए वह पानी के हौज की ओर गया तथा ढक्कन खुला होने से अचानक अंदर गिर गया। पिता ने देखा तो तत्काल ही हौज में छलांग लगाई तथा बच्चे को बाहर निकाल लिया।#sirohi Innocent fell in hospital tank – father jumped to save injured
तत्काल न निकालते तो जान चली जाती
बताया जा रहा है कि हौज की गहराई सात से आठ फीट तक है। इसमें पानी भरा रहता है। लिहाजा हौज में बच्चे के गिरने से जान चली जाने का खतरा बना हुआ था। पिता ने समय पर उसे बाहर निकाल लिया, अन्यथा जान चली जाती। इस हादसे के बाद अब अस्पताल प्रशासन ने हौज को ढक्कन लगवा कर पत्थरों से बंद कर दिया है।
अस्पताल में सुरक्षित नहीं है मरीज व परिजन
अस्पताल प्रशासन की ओर से भले ही हौज का ढक्कन बंद कर दिया गया हो, लेकिन इस हादसे ने यह जरूर बता दिया कि अस्पताल आने वाले मरीज व उनके परिजन सुरक्षित नहीं है। संभवतया अधिकारी अपनी ओर से पुख्ता मॉनिटरिंग ही नहीं रख पा रहे हैं। लिहाजा कार्मिकों की बेपरवाही पर ध्यान ही नहीं जा रहा। हादसे के बाद अब हौज को बंद करना लकीर पीटने के समान ही है।
जांच का विषय कि आखिर दोषी कौन
- हौज का ढक्कन किसने और क्यों खोला यह अस्पताल प्रशासन के लिए जांच का विषय है
- जनाना विंग में हौज को खुला रखते हुए मासूमों की जान के साथ किसने खिलवाड़ किया
- अस्पताल प्रशासन की ओर से कितनी पुख्ता मॉनिटरिंग हो रही है इस हादसे ने स्पष्ट कर दिया।
ढक्कन किसी ने तोड़ दिया है…
टंकी का ढक्कन किसी ने तोड़ दिया है तथा ऊपर रखा हुआ ही था। बच्चा उस पर चढ़ा तो तिरछा हो गया, जिससे बच्चा फिसलकर अंदर गिर गया। उसे बाहर निकाल लिया गया। परिजन मरहम पट्टी करवाकर चले गए।
- डॉ. एके मौर्य, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल, सिरोही
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