
- घबराहट में कई छात्राओं ने भूखे ही रात गुजारी
- गंभीर हालत में 12 बच्चियों को सुबह तक रखा भर्ती
सिराही. राजकीय देवनारायण बालिका छात्रावास में खाना खाने के बाद छात्राओं की तबीयत खराब होने का मामला सामने आया है। इनमें से कुछ बच्चियों की हालत गंभीर बनी रही। उपचार के बाद सुबह तक स्थिति सही होने पर इनको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। शनिवार रात को खाना खाने के बाद छात्राओं की तबीयत बिगड़ी तो अधिकतर बच्चियों ने डर के मारे खाना तक नहीं खाया। माना जा रहा है कि फूड प्वाइजनिंग के कारण एक साथ कई छात्राओं की तबीयत बिगड़ी। खाने के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं।#Sirahi-After eating food in the Government Devnarayan Girls Hostel- the health of the girl students worsened
बीमारों के साथ दूसरों को भी खिचड़ी
उधर, इस मामले में विभागीय अधिकारियों की बेपरवाही भी सामने आ रही है। बच्चियों का आरोप हैं कि भोजन में आए दिन शिकायत होती है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। कई छात्राओं की तबीयत पहले से ही खराब चल रही है। इनके लिए अलग से कोई इंतजाम करने के बजाय सभी को एक ही तरह से खाना दिया जा रहा है। शनिवार रात को भी बीमार बच्चियों के कारण ही सभी के लिए खिचड़ी बनाई गई थी।
हालत देख कई बच्चियों ने खाना नहीं खाया
जानकारी के अनुसार शनिवार रात का खाना खाने से कई छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। खाने में खिचड़ी बनाई थी, जिसे खाते ही उनके पेट दर्द की शिकायत होने लगी। गंभीर हालत में 12 छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई छात्राओं ने उनकी हालत को देखकर खाना ही नहीं खाया। सूचना मिलने पर परिजन भी पहुंचे तथा बच्चियों की सुध ली। उपचार के बाद रविवार सुबह इन बच्चियों को डिस्चार्ज कर दिया।
अंधेरे में पकाई खिचड़ी
बताया जा रहा है कि छात्रावास में कुछ छात्राओं की तबीयत पहले से ही खराब चल रही है। बीमार होने से सभी के लिए खिचड़ी पकाई गई थी। वहीं, छात्राओं का आरोप है कि बिजली गुल होने के बाद खिचड़ी बनाई गई थी, जिसमें कुछ गिरा होगा तो कह नहीं सकते। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने भी जांच के लिए खाने के सैम्पल लिए हैं।
फोन ही रिसीव नहीं करते बात कैसे करे
वहीं, छात्रावास की देखरेख करने वाले अधिकारी भी नदारद ही नजर आ रहे हैं। रविवार को ही छात्रावास के अधिकारी बाबूलाल गरासिया को फोन मिलाया गया, लेकिन स्वीच ऑफ मिला। इसी तरह प्रभारी मनीषकुमार जांगीड़ से भी बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसीव ही नहीं किया। ऐसे में यदि कोई परिजन भी इनसे बात करना चाहे तो छात्रावास पहुंचे बगैर शायद ही सम्पर्क हो सके।
बीमारी में ये हाल तो आम दिनों में क्या होगा
जिस छात्रावास की बच्चियों की तबीयत खराब हो गई हो वहां के अधिकारी फोन पर बात ही नहीं कर रहे। ऐसे में चिंतित परिजनों को दिलासा भी कैसे मिल सकती है। तबीयत खराब होने के दरम्यान भी यदि अधिकारियों के फोन बंद रहे या रिसीव न हो तो आम दिनों में छात्राओं की सुनवाई किस तरह होती होगी सोच सकते हैं।
रात भर ऑब्जर्वेशन में रखा…
फूड प्वाइजनिंग के कारण कई बच्चियों को अस्पताल लाया गया था। इनमें से बारह की हालत गंभीर थी, जिनको भर्ती रखा गया। ऑब्जर्वेशन के बाद सुबह डिस्चार्ज कर दिया गया।
- डॉ.अश्विनकुमार मौर्य, पीएमओ, जिला अस्पताल, सिरोही
जांच के लिए भेजे सैंपल…
सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची तथा छात्रावास में पकाए गए भोजन के सैंपल लिए हैं। इसके जांच के लिए भेजा है।