सिरोहीrajasthansirohiराजस्थान

जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की छत गिरी, पूरा पीओपी धराशायी

  • वार्ड में शिशु न थे, अन्यथा कई घरों के चिराग बुझ जाते
  • जिला अस्पताल के वार्ड में छत धराशायी, बच गए कई शिशु
    सिरोही. मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में रविवार रात बड़ा हादसा हो गया। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई। वार्ड में कुछ समय पहले ही प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का छत लगाई गई थी, जो रात को अचानक ही गिर गई। एक तरह से पूरी छत का पीओपी धराशायी हो गया। हादसे के समय वार्ड में कोई शिशु भर्ती था या नहीं इसकी जानकारी अभी अधिकारिक रूप से सामने नहीं आई है, लेकिन वार्ड में एक समय में दस से ज्यादा शिशु भर्ती रखने की व्यवस्था है। लिहाजा इतने शिशु अंदर होते तो उनका क्या हश्र होता सोच सकते है। वहीं, छत धराशायी होने के बाद सभी के हाथ-पांव फूल गए। बताया जा रहा है कि अब इस मामले में लीपापोती की जा रही है।#Sirohi. POP roof collapses in district hospital affiliated to Medical College

https://rajasthandeep.com/?p=4954… धंसने की कगार पर झोप पुलिया, खतरे की जद में जनता- जोखिम भरा साबित हो रहा वाहनों का लगातार आवागमन- खुदाई से खिसकी मिट्टी, कमजोर हो गया वर्षों पुराना पुलिया… जानिए विस्तृत समाचार…

फिर भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई
जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में इस तरह का हादसा होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उधर, हादसे के बाद सोमवार सुबह कुछ लोग मौके पर पहुंचे तथा जानकारी ली। समाजसेवियों ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर वीडियोग्राफी भी की है।

https://rajasthandeep.com/?p=4941 … आपदा में अधिकारी कितने अलर्ट यह तूफान ने दिखा दिया- बिपरजॉय बिफरा नहीं, अन्यथा चौड़े आ जाता कुप्रबंध- तूफान के बीच अंधेरे में गुजारी दो रातों का मंजर…  जानिए विस्तृत समाचार…

गुणवत्ता होती तो धराशायी न होती
यह भी दिलचस्प ही है कि शिशु वार्ड की छत पर कुछ समय पहले ही पीओपी कराई थी, लेकिन धराशायी हो गई। माना जा रहा है कि कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी के कारण ही इस तरह के हालात सामने आए। बगैर गुणवत्ता वाले इन कार्यों में बजट जाया करने का औचित्य ही क्या रहा।

https://rajasthandeep.com/?p=4591 … संवेदनशून्य सिस्टम: मासूम की मौत का मामला दबाने का प्रयास- कोरे कागज पर साइन लेकर गुपचुप करवा दिया अंतिम संस्कार … जानिए विस्तृत समाचार…

… तो असमय ही बुझ जाता किसी का चिराग
उधर, सूत्र बताते हैं कि हादसे के समय वार्ड में तीन शिशु भर्ती थे, लेकिन बाल-बाल बच गए। सुबह इनको डिस्चार्ज कर दिया गया। चाहे जो हो, लेकिन पीओपी की छत धराशायी होना जान जोखिम में डालना ही रहा। इस हादसे में यदि एक जान भी चली जाती तो इनकी बेपरवाही में किसी के घर का चिराग असमय ही बुझ जाता।
https://rajasthandeep.com/?p=4918  … लाखों की आधुनिकता का काटा फीता और चूहे कुतर गए शीतलता- जिला परिषद में लोकार्पण से पहले ही बंद हो गए एसी…  जानिए विस्तृत समाचार…

https://rajasthandeep.com/?p=4839 rajasthandeep.news@gmail.com … कबाडख़ाना था, अब खोल दिया सरकारी नर्सिंग कॉलेज- जर्जर छत के नीचे बीएससी नर्सिंग स्टूडेंट, अनदेखा कर रहे जिम्मेदार… जानिए विस्तृत समाचार…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button