
- लोगों की समस्या से बेखबर अधिकारी व जनप्रतिनिधि
- गांव तो गांव शहरी क्षेत्र में भी विकट स्थिति
सिरोही. बारिश के मौसम में सिरोही के बाशिन्दें बार-बार बिजली गुल होने की अजीबो गरीब समस्या से जूझने को विवश है। पिछले लम्बे अर्से से लोग उमस के बीच इस तरह की समस्या झेल रहे हैं, लेकिन अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस ओर से मानों बेखबर ही है। फुहारें पडऩे के बाद उमस अपने चरम पर पहुंच जाती है। उमस के बीच अचानक बिजली गुल होने पर लोगों की हालत खराब होने लगती है। इस स्थिति में बच्चों व बुजुर्गों के साथ ही बीमार लोगों को भारी परेशानी रहती है। कई बार तो पसीने से तरबतर लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है। दमा रोगियों की सांस घुटने लगती है। सांस की बीमारी वाले लोगों को तो बार-बार पम्प लेने को विवश होना पड़ता है पर करें तो क्या करें। शिकायत भी किससे करें, शिकायत सुनने वाला ही कोई नहीं है।#Frequent power failures in the midst of the humidity of the rain
रख-रखाव के नाम पर मनमानी कटौती
यहां आपको बता दें कि गर्मियों के मौसम में तो बिजली की डिमांड लगभग दोगुना हो जाने पर बिजली सप्लाई में कटौती करना डिस्कॉम की मजबूरी हो जाती है। जैसे ही मानसून नजदीक आने को होता है तो डिस्कॉम कभी लाइनों के तो कभी जीएसएस के रखरखाव के नाम पर अक्सर मनमाने रूप से बिजली काटता रहता है। लोगों की हालत तो खस्ता होती है पर रख रखाव के नाम पर बिजली काटने पर कोई बोलना भी मुनासिब नहीं मानता। #sirohi_discom
मुश्किल हो जाता है रात गुजारना
जैसे ही मानसून दस्तक दे देता है बिजली कटौती का दौर भी शुरू हो जाता है। कई बार तो मामूली हवा चलने पर ही या मामूली छींटें पडऩे पर ही बिजली अचानक काट दी जाती है। रात में भारी बारिश के दौरान तो अक्सर बिजली कट रहती है। घुप अंधेरे में बारिश के दौरान सांप-बिच्छू या जहरीले जंतु बाहर निकलने और काटने का भी जबरदस्त भय रहता है। ऐसी स्थिति में अंधेरे में रात गुजारना मुश्किल हो जाता है।
आखिर शिकायत करें भी तो किससे
अब सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ऐसे समय में आखिर शिकायत करें तो किससे। डिस्कॉम ऑफिस में फोन लगाने पर अव्वल तो लगता ही नहीं और खुदा न खास्ता लग भी जाए तो कोई अटेण्ड करने वाला नहीं होता। कोई गलती से उठा भी लें तो कह देता है कि कहीं फॉल्ट हो गया है तो बिजली काट दी गई है। अब सुबह फॉल्ट मिलने के बाद ही दुरुस्त किया जाएगा।
गांवों में दो-दो दिन तक गुल रहती है बिजली
वैसे आपको बता देते है कि यह समस्या सिर्फ सिरोही शहर की ही नहीं अपितु पूरे जिले की है। गांवों में तो कई बात दो-दो दिन तक बिजली बहाल नहीं होती। इस संवाददाता ने जब इस संदर्भ में डिस्कॉम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर तरुण खत्री से बात की तो उन्होंने भी करीब-करीब ऐसा ही जवाब दिया। उन्होंने बताया कि बारिश में तो थोड़ा लाइनों या इन्सूलेटर में फॉल्ट होता ही है। इसकी सावधानी भी रखनी होती है। करंट नहीं फैले इसके लिए कई बार बिजली काट भी देनी पड़ती है।
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