- नशे के सौदागरों का गढ़ बन गया राजस्थान
- बाहरी एजेंसियों को मिल रहे इनपुट और लोकल पुलिस नींद में
जोधपुर. राजस्थान नशे के सौदागरों का गढ़ बना हुआ है, लेकिन अपराध रोकने वालों को इसकी जानकारी तक नहीं है। नशा तैयार करने की फैक्ट्रियां तक लग गई पर पुलिस तो क्या अन्य जांच एजेंसियों को भी भनक नहीं लगी। यही कारण है कि अन्य राज्यों से मिल रहे इनपुट के आधार पर राजस्थान में लगातार छापे मारे जा रहे हैं। कुछ दिन पहले जोधपुर व सिरोही जिले में ड्रग्स की फैक्ट्रियां पकड़ी गई थी, वहीं अब जोधपुर के मोगड़ा इलाके में फिर एक ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ में आई है। इस एक जगह से ही करीब सौ करोड़ का माल बरामद होना बताया जा रहा है। प्रदेश में लगातार इस तरह की कार्रवाई हो रही है और यह इनपुट बाहरी एजेंसियों को मिल रहे हैं, जबकि लोकल पुलिस व अन्य स्थानीय जांच एजेंसियां नीद में ही है। यह कार्रवाई भी मुम्बई क्राइम ब्रांच ने की है, जबकि इससे पहले गुजरात एटीएस व जोधपुर एनसीबी ने छापामारी की थी।#Mumbai Police caught drugs factory in Mogra, Jodhpur – recovered drugs worth Rs.100 crores
इनपुट के आधार पर मोगड़ा में दी दबिश
बताया जा रहा है कि मुंबई (MUMBAI) पुलिस (POLICE) ने इनपुट के आधार पर जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र में मोगड़ा (MOGRA) गांव में दबिश दी। यहां ड्रग्स फैक्ट्री से करीब सौ करोड़ रुपए मूल्य की एमडीएमए ड्रग्स व अन्य सामग्री बरामद की गई। फैक्ट्री भारमल जाट चला रहा था, जिसे गिरपु्तार करना बताया जा रहा है। वहीं अन्य एक आरोपी विकास चौहान को नामजद किया गया है, जो फरार चल रहा है। जानकारी में सामने आया है कि यह फैक्ट्री किसी हर्ष भाटी से किराए पर ले रखी थी। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
सिरोही व जोधपुर से पकड़ चुके हैं ड्रग्स फैक्ट्री
गत दिनों गुजरात (GUJRAT) एटीएस (ATS) व जोधपुर (JODHPUR) एनसीबी (NCB) ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की थी। इस दौरान जोधपुर जिले में एवं सिरोही (SIROHI) के कैलाशनगर (KAILASHNAGAR) क्षेत्र में लोटीवाड़ा (LOTIWARA) से ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी थी। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में ड्रग्स एवं 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इन मामलों में भी लोकल पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी। लिहाजा मान सकते है कि स्थानीय स्तर पर ड्रग्स फैक्ट्रियां संचालित होने के बावजूद पुलिस नींद में ही है।
अनसुलझे ही है इन सवालों के जवाब
बीट प्रणाली के जरिए अपने इलाके में गहरे तक जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारियों के पास आखिर इतने बड़े नेटवर्क की सूचना क्यों नहीं थी। क्या कारण है कि गुजरात, जोधपुर एनसीबी व मुम्बई पुलिस को आकर सिरोही व जोधपुर में दबिश देनी पड़ रही है। महज कुछ ग्राम स्मैक व एमडी ड्रग्स की पुडियां जब्त कर वाहवाही लूटने वाली पुलिस यदि बेपरवाही बरत रही है तो जिम्मेदारी तय क्यों नहीं हो रही। इस तरह के सवालों के जवाब मिल जाए तो ड्रग माफिया की कमर टूट सकती है।
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