मैथीपुरा जैसे गांवों के ठेकों से शराब सीधे गुजरात जा रही

- सरकारी ठेकों की शराब अवैध रूप से पहुंचाई जा रही गुजरात
- सीमा से सटे गांवों में ठेका लेने का मुख्य मकसद ही तस्करी
सिरोही. गुजरात से सटे गांवों में ठेकों की शराब को गुजरात पहुंचाया जा रहा है। इन गांवों में करोड़ों रुपए मूल्य की शराब खपने का एक बड़ा कारण यही है। सीमा से सटे गांवों के ठेकेदार माल को तस्करी के जरिए गुजरात पहुंचा रहे हैं। सीमा क्षेत्र होने से गुजरात जाने में इनको बड़ी आसानी रहती है। बताया जा रहा है कि सीमा से सटे गांवों में कम मात्रा में शराब बिकवाली के बावजूद करोड़ों रुपए में ठेका लेने का मुख्य मकसद तस्करी ही है।
… नहीं तो कैसे बिक जाती है करोड़ों की शराब
आंकड़ों से ही हम अंदाजा लगा सकते है कि महज गिनती के घरों की आबादी वाले मैथीपुरा गांव में ही जब आठ से नौ करोड़ की शराब बिक रही है तो आखिर कैसे। सीमा से सटा मैथीपुरा हो या अन्य कोई गांव, इन सभी गांवों के ठेकेदार अपना माल गुजरात भेज रहे हैं।
गुजरात पहुंचाने में ज्यादा समय नहीं लगता
बताया जा रहा है कि सरकारी लाइसेंस पर चल रही दुकानों के लिए सरकारी गोदाम से माल का उठाव होता है। गोदाम से ठेके तक आने वाला माल बगैर किसी रोकटोक पहुंच जाता है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण दुकान से गुजरात तक पहुंचाने में ठेकेदार को कोई ज्यादा समय नहीं लगता।
तस्करी का अड्डा बना मैथीपुरा क्षेत्र
सूत्र बताते है कि गुजरात सीमा पर मैथीपुरा गांव से सटा इलाका इन दिनों शराब तस्करों का अड्डा बना हुआ है। अवैध रूप से माल पार करने वाले तस्कर इसी रास्ते से गुजरात जा रहे हैं। आसपास के इलाके से एकत्र किया गया अवैध माल भी मैथीपुरा होते हुए पार हो रहा है।
तस्करी नहीं हो रही…
ठेकेदारों को दुकानें आवंटित की है, जहां सरकारी माल बिक रहा है। तस्करी जैसी कोई बात सामने नहीं आई।
- सुमीतकुमार, आबकारी निरीक्षक, रेवदर