सिरोहीrajasthansirohiराजस्थान

जब जनता की जान ही जोखिम में तो काहे की शहरी सेवा

  • नगर परिषद में चल रही शहरी सेवा अभियान की तैयारी
  • शहर के तालाबों की असुरक्षित पाल से गिर कर डूब गए लोग

सिरोही. शहर के लाखेराव तालाब में गत दिनों में दो जनों की मौत हो जाने कें बावजूद न तो प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के प्रबंध किए गए और न ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई हुई। यह दीगर बात है कि नगर परिषद के अधिकारी इन दिनों शहरी सेवा अभियान की तैयारी में जरूर जुटे हुए हैं। इसके लिए वृहद स्तर पर व्यवस्थाएं की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी इन तैयारियों का जायजा ले रहे हैं और कार्यवाहक आयुक्त तक माउंट आबू से यहां पहुंचे हुए हैं, लेकिन तालाबों की खुली पड़ी पाल से जनता की जान जोखिम में ही है।

फिर भी जिम्मेदारी तय नहीं की
ज्ञातव्य है कि पुराना बस स्टैंड स्थित लाखेराव तालाब में पिछले चार दिनों में ही दो जने डूब चुके हैं। तालाब की असुरक्षित हो रहे पाल से दस वर्षीय बालिका सुरता व मगनलाल भील अंदर गिर गए थे। तालाब के जीर्णोद्धार को लेकर तीन माह पहले ही कार्यादेश जारी हो चुका है, लेकिन नगर परिषद ने अभी तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की।

इसलिए हो गए हादसे का शिकार
बताया जा रहा है कि तालाब की पाल पर सुरक्षा दीवार बनाने समेत अन्य कई कार्य किए जाने हैं। इसके लिए करीब दो करोड़ रुपए की लागत का कार्यादेश जारी किया गया है। ठेकेदार ने कार्य शुरू किए जाने के बहाने यहां लगाई बल्लियां तक हटा दी और दो जने हादसे का शिकार हो गए। नगर परिषद ने इतना जरूर किया कि बेरिकेडिंग कर तालाब पर जाने से ही रोक लगा दी।

शिविर की पूर्व तैयारी में जुटे अधिकारी
नगर परिषद क्षेत्र के तालाब में दो जनों की मौत के बावजूद जिम्मेदार शहरी सेवा अभियान शिविरों की तैयारी में जुटे हुए हैं। उपखंड अधिकारी हरिसिंह देवल ने शुक्रवार को पूर्व तैयारी शिविर का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कार्यवाहक आयुक्त शिवपाल सिंह, शिविर प्रभारी भंवराराम पटेल, अधिशाषी अभियंता विनय बोड़ा, सहायक शिविर प्रभारी पंकज गुजर समेत अन्य कार्मिक मौजूद रहे।

जान की कीमत नहीं, शिविर की तैयारियां ज्यादा जरूरी
यहां यह उल्लेखनीय है कि लाखेराव तालाब में लगातार मौत के बाद इस संवाददाता ने नगर परिषद अधिकारियों से जानकारी चाही, तब कन्नी काटते नजर आए। तालाब जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत राशि और सुरक्षा सम्बंधी व्यवस्थाओं की जानकारी के लिए सहायक अभियंता पंकज गुजर से बात करने का प्रयास किया तो लगातार कॉल करने के बावजूद फोन रिसीव नहीं किया। अधिशासी अभियंता विनय बोड़ा ने इस सम्बंध में आयुक्त से ही बात करने का हवाला दिया। संभवतया जिम्मेदार जनता की जान से ज्यादा शिविर की तैयारियां ज्यादा जरूरी समझ रहे हैं।

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