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जब जनता की सुनवार्ई ही नहीं हो रही तो शिविर किस काम के

  • भारजा में ग्रामीण सेवा शिविर का बहिष्कार कर जताया विरोध
  • प्रस्तावित खनन परियोजना निरस्त करने की मांग कर रहे ग्रामीण

सिरोही. पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना को निरस्त किए जाने की मांग कर रहे ग्रामीणों ने ग्रामीण सेवा शिविर का बहिष्कार किया। शिविर बहिष्कार के जरिए ग्रामीणों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है कि जनता की सुनवाई नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद इस आदिवासी क्षेत्र में खनन परियोजना को निरस्त नहीं किया जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

पिण्डवाड़ा उपखंड क्षेत्र के भारजा गांव में शुक्रवार को ग्रामीण सेवा शिविर आयोजित किया गया, लेकिन ग्रामीणों ने बहिष्कार रते हुए शिविर में भाग नहीं लिया। शिविर स्थल के सामने एकत्र हुए ग्रामीणों ने प्रस्तावित खनन परियोजना का विरोध जताया। वहीं, शिविर प्रभारी जितेन्द्रसिंह राणावत को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि परियोजना को रद्द नहीं किए जाने तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

आदिवासी क्षेत्र के लिए घातक है यह परियोजना
उल्लेखनीय है कि पिण्डवाड़ा क्षेत्र के भारजा,भीमाना, वाटेरा और रोहिड़ा क्षेत्र की लगभग 800.9935 हेक्टेयर भूमि पर मै.कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड को चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित की जा रही है। क्षेत्रवासी करीब डेढ़ माह से लगातार आंदोलनरत हैं तथा इस परियोजना को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासी क्षेत्र के लिए यह परियोजना घातक साबित होगी। जल-जंगल व जमीन को उजडऩे से बचाने के लिए परियोजना निरस्त करना आवश्यक है।

तब तक सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार
ग्रामीणों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पिण्डवाड़ा उपखंड अधिकारी नरेंद्र जांगिड़ भी समझाइश के लिए शिविर स्थल पर पहुंचे। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। साथ ही इस खनन परियोजना को क्षेत्र के पर्यावरण और जनजीवन के लिए घातक बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग रखी। ग्रामीणों ने बताया कि खनन परियोजना शुरू होने पर उनकी कृषि भूमि, जल स्रोत व आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उनकी मांगों को नहीं माने जाने तक वे किसी भी सरकारी शिविर या कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।

सिरोही. भारजा में विरोध-प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण।

निरस्त नहीं होने पर तेज करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों ने शिविर प्रभारी जितेन्द्रसिंह राणावत को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग रखी कि खनन परियोजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। यह आंदोलन अब केवल एक गांव का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का जनआंदोलन बन चुका है। ज्ञापन में बताया कि क्षेत्र में खनन से पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ेगा व पेयजल संकट गहराने का अंदेशा है। चेतावनी दी कि सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस दौरान भारजा ग्राम पंचायत के प्रशासक पुखराज प्रजापत समेत कई लोग मौजूद रहे।

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