आबू की पहाडिय़ों में गुंजायमान रहा हर बम का जयकारा
- वास्तानेश्वर में संतों का महासंगम, रातभर सजा रहा मेला
सिरोही. ईसरा के समीप वास्तानेश्वर में साधु-संतों का मेला सजा रहा। रातभर मेले की धमचक मची रही। संत आबू की पहाड़ी में जगह-जगह धुनी रमाते दिखे। मेले में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने संतों को धोक लगाई। साथ ही मुनि महाराज की धुनी व हरिहर के दर्शन का लाभ लिया। मेले के उपलक्ष्य में आबू की पहाडिय़ां हर-हर महादेव व हर बम के जयकारों से गुंजायमान रही। कड़ाके की सर्दी के बावजूद मेलार्थियों की रेलमपेल लगी रही। यहां की धार्मिक परंपराओं का निर्वहन रावल ब्राह्मण समाज की ओर से वैदिक विधि-विधान से किया जा रहा है। लिहाजा तपोभूमि की प्राचीन संस्कृति व गरिमा आज भी अक्षुण्ण है।
बाबा की धुनी पर लगाई धोक
मांकरोड़ा निवासी भरत रावल ने बताया कि मेले में गुजरात व अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में साधु-संतों का आगमन रहता है। इससे समूचा क्षेत्र शिवमय नजर आता है। वास्तानेश्वर के साथ ही नजदीकी केर गांव स्थित मुनि बाबा की धुनी पर भी श्रद्धालु धोक लगाने जाते हैं।

वासस्थान से हुए वास्तानेश्वर
श्रद्धालुओं ने बताया कि रसोसिद्ध शमशेरगिरी महाराज, जो मुनि महाराज के रूप में विख्यात हैं यह उनकी तपोभूमि रही हैं। मान्यता है कि इस धाम पर 33 कोटी देवी-देवताओं ने विश्राम किया था। इसलिए देवताओं का वासस्थान अर्थात वास्तानेश्वर नाम विख्यात हुआ। मेले के दौरान साधु-संतों का जमघट रहा तथा रातभर भजन-कीर्तन व सत्संग के आयोजन हुए। मंदिर समिति की ओर से सुविधा व सुरक्षा को लेकर बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई।



