मातृछाया अस्पताल में अवैध रूप से कर रहे सोनोग्राफी

- स्वास्थ्य महकमे की टीम ने सेंटर को किया सीज
- लापरवाही से प्रसूता की मौत का भी लग चुका है आरोप
सिरोही. पिण्डवाड़ा का मातृछाया अस्पताल एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार मामला अवैध रूप से सोनोग्राफी सेंटर चलाने का है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के दौरान इस तरह का मामला मिला, जिस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर को सीज कर दिया। यह निजी क्लीनिक पहले भी विवादों के घेरे में रह चुका है। गत अक्टूबर माह में ही यहां प्रसव में लापरवाही बरतने से प्रसूता की मौत का आरोप लग चुका है। इस तरह के मामलों के बावजूद अस्पताल के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।#Sirohi/Pindwara. Illegal sonography center in Matru Chhaya Hospital was sealed
अभियान के तहत दी दबिश में खुला मामला
पीसीपीएनडीटी एक्ट (PCPNDT ACT) के तहत चल रहे सोनोग्राफी सघन निरीक्षण अभियान के तहत स्वास्थ्य महकमे की टीम ने विभिन्न सेंटर का निरीक्षण किया। शनिवार को सीएमएचओ डॉ.राजेशकुमार के नेतृत्व में टीम ने पिण्डवाड़ा स्थित मातृछाया हॉस्पिटल पर दबिश दी। यहां अनधिकृत रूप से सोनोग्राफी सेंटर संचालित किया जाना सामने आया। इस पर टीम ने सेंटर को सीज कर लिया।
पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन पर कार्रवाई
बताया जा रहा है कि इस निजी अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर के लिए डॉ.जगरूप मेहरू अधिकृत है। टीम की जांच के दौरान वे अनुपस्थित थे। इस दौरान एक अनधिकृत रूप से सोनोग्राफी सेंटर संचालित होना पाया गया। मौके पर नर्सिग स्टॉफ दीपककुमार इस सोनोग्राफी मशीन को संचालित करता मिला। पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन पर टीम ने कार्रवाई की।
एक्ट के तहत यह है नियम
पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत रजिस्टर्ड व पंजीकृत व्यक्ति ही सोनोग्राफी संबंधित कार्य कर सकता है। इस सेंटर पर नर्सिंग स्टाफ अनधिकृत रूप से सोनोग्राफी करता मिला, जो पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के विरुद्ध है।

कैमरों की जांच कर दस्तावेज जब्त किए
स्वास्थ्य महकमे की टीम ने इस सम्बंध में अस्पताल के मालिक भरतपाल बेंदा से जानकारी ली, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अस्पताल के सीसी टीवी कैमरों की जांच में भी नर्सिंग स्टाफ दीपक चौहान की ओर से सोनोग्राफी किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद टीम ने सोनोग्राफी सेंटर के फॉर्म एफ, रजिस्टर, एएनसी, नोन एएनसी, फीस रसीद, यहां कार्यरत स्टाफ की योग्यता संबंधी समेत अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए।
महिला की मौत के बावजूद रसूख के आगे मौन
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अक्टूबर माह में ऐसाऊ निवासी जेतलकुमारी रावल को इस निजी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती करवाया गया था। सीजेरियन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई तथा उसका दम टूट गया। अपना बचाव करने के चक्कर में अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रसूता को ताबड़तोड़ उदयपुर भेज दिया गया। नवजात को भी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। इस मामले में मृतका के परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। ग्रामीणों ने आंदोलन भी किए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के रसूख के कारण विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही।
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