crime newsrajasthansirohiराजस्थानसिरोही

ग्राहकों की जेब पर सेंध मार रहे शराब ठेकेदार

निर्धारित मूल्य से ज्यादा वसूली, आबकारी की चुप्पी में ठेकेदारों की मौज

सिरोही. शराब की दुकानों पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा राशि वसूली जा रही है। ठेकेदार ग्राहकों की जेब पर खुलेआम सेंध मार रहे हैं, लेकिन आबकारी महकमा मूकदर्शक बना हुआ है। शराब की सभी दुकानों पर कमोबेश यही स्थिति है। फिर चाहे जिला मुख्यालय हो या जिले की अन्य दुकानें। निर्धारित से ज्यादा राशि वसूले जाने के बावजूद न तो आबकारी महकमा खुद कार्रवाई कर रहा है और न अन्य प्रशासनिक अधिकारी। जिम्मेदारों की चुप्पी के कारण ठेकेदारों की एक तरह से मौज बनी हुई है।

https://rajasthandeep.com/?p=1262 आबकारी महकमा पहले ही गंभीरता दिखाता तो मंत्री को मुखर नहीं होना पड़ता- जिला प्रभारी मंत्री ने मादक पदार्थों के बढ़ते चलन को लेकर प्रभावी कार्रवाई के दिए निर्देश, स्थानीय विधायक ने कहा शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए प्रभावी गश्त बढ़ाएं… जानिए विस्तृत समाचार…

पचास या सैकड़ा के राउंड फीगर में वसूली
राजदीप संवाददाता की ओर से शहर के चुनिंदा शराब ठेकों पर इस सम्बंध में जानकारी ली गई। इस पर सामने आया कि दुकानों में बीस से पचास रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे हैं। अक्सर पचास या सैकड़ा के राउंड फीगर में ही राशि ली जा रही है। सभी ठेकों पर एक जैसी स्थिति होने के कारण ग्राहक भी बिना किसी हील-हुज्जत के पैसे देकर रवाना हो जाते हैं।

https://rajasthandeep.com/?p=1053 आबकारी में नहीं मान रहे आयुक्त के आदेश, अगस्त बीत गया और ढर्रा वहीं का वहीं- आबकारी महकमे में ही हवा हवाई साबित हुए आयुक्त के आदेश… जानिए विस्तृत समाचार…

मजबूरी बन गया ज्यादा राशि चुकाना
जिलेभर के शराब ठेकों पर यही स्थिति बनी हुई है। गांवों में तो और भी ज्यादा लूट मची हुई है। पंचायत क्षेत्र में एक ही दुकान होने से ठेकेदारों का एकाधिकार रहता है। शौकीनों के लिए उसी दुकान से खरीद करने की मजबूरी रहती है। वैसे कोई दूसरी जगह चला भी जाए तो रेट में वहां भी ज्यादा फर्क नहीं मिलता। ऐसे में न चाहते हुए भी ज्यादा राशि चुकानी पड़ती है।

https://rajasthandeep.com/?p=1597 लग्जरी वाहन में नहीं लोडिंग टेम्पो में लाए डोडा-पोस्त, भागे तो संदेह गहराया- प्लास्टिक के 15 कट्टों में भरा मिला 287 किलो डोडा-पोस्त, फरार हो गए दो आरोपी… जानिए विस्तृत समाचार…

इसलिए ठेकेदार चला रहे मनमर्जी
बताया जा रहा है कि आबकारी महकमे की ओर से लक्ष्यों की पूर्ति के लिए दुकानों पर नाममात्र की कार्रवाई जरूर की जा रही है। उधर, ग्राहकों ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। अव्वल तो आबकारी महकमा सुनवाई ही नहीं करता और कभी सुन ले तो ठोस कार्रवाई तक नहीं हो पाती। लिहाजा ठेकेदार मनमर्जी के दामों पर शराब बेच रहे हैं।#Recovery of more than the prescribed price, the pleasure of the contractors in the silence of excise

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button