पॉक्सो के आरोपी को थप्पड़ जड़ भेज दिया, परिवादी पर समझौते का दबाव बनाया

- न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान, पिण्डवाड़ा थानाधिकारी पर कार्रवाई के आदेश
- संवेदनशील व गंभीर अपराध के प्रकरण में बरती घोर उपेक्षा व लापरवाही
सिरोही. पॉक्सो अधिनियम (pocso act) मामले में विशेष न्यायालय ने आदिवासी नाबालिग से दुष्कर्म मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी के विरुद्ध प्रसंज्ञान लेते हुए कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। मामला पिण्डवाड़ा थाना क्षेत्र का है। आरोप है कि थानाधिकारी सीताराम पंवार ने संवेदनशील व गंभीर अपराध के प्रकरण को पंजीबद्ध नहीं कर घोर उपेक्षा बरती एवं लापरवाहीपूर्ण कार्य किया है। लगभग पंद्रह दिन बाद परिवादी की ओर से पुलिस अधीक्षक को परिवाद पेश करने के बाद प्रकरण दर्ज हुआ। मामले में परिवादी की ओर से तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी व पीडि़ता को थाने में आमने-सामने बैठाकर बात कराई। फिर आरोपी को दो-तीन थप्पड़ जडक़र भेज दिया। बाद में परिवादी पर समझौते को लेकर दबाया बनाया गया।#sirohi pocso Court took cognizance, action order against Pindwara police station officer
इस तरह सामने आया लापरवाही का मामला
इस मामले में गत 10 फरवरी को विशिष्ठ न्यायाधीश के समक्ष उनके आवास पर एफआईआर की प्रति प्रस्तुत की गई। न्यायालय खुलने पर 12 फरवरी को इसका अवलोकन किया गया तो मामला सामने आया। यह तथ्य सामने आए कि एफआईआर में प्रथम सूचना रिपोर्ट देने तथा दर्ज करने की दिनांक में गंभीर विरोधाभास है। इस पर आदेशिका संधारित कर प्रकरण की केस डायरी पुलिस थाना पिण्डवाड़ा से तलब की गई।
तहरीर देने के 15 दिन बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं किया
न्यायालय ने माना कि संपूर्ण तथ्यों एवं दस्तावेजों के अवलोकन से यह सामने आया है कि परिवादी की ओर से 25 जनवरी को तहरीरी रिपोर्ट थाने पर देने तथा थानाधिकारी की ओर से इस तहरीरी रिपोर्ट पर उसी दिन कार्यवाही पुलिस का पृष्ठांकन किया गया। इसके बाद भी घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट 9 फरवरी तक दर्ज नहीं की है। थानाधिकारी की ओर से घोर उपेक्षा एवं लापरवाहीपूर्वक कार्यवाही करते हुए पॅक्सो अधिनियम जैसे संवेदनशील व गंभीर अपराध के प्रकरण को पंजीबद्ध नहीं किया है तथा परिवादी की ओर से एसपी सिरोही को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर यह प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
इन धाराओं में थानाधिकारी के विरुद्ध प्रसंज्ञान
न्यायालय ने विभिन्न धाराओं में थानाधिकारी के विरुद्ध प्रसंज्ञान लिया है। आदेश कर बताया कि पुलिस के पृष्ठांकन से यह निर्विवादित तथ्य है कि एसएचओ को घटना के संज्ञेय प्रकृति का अपराध होने तथा पॉक्सो अधिनियम के अधीन घृणित अपराध होने की जानकारी 25 जनवरी को ही हो चुकी थी। इसके बावजूद एसएचओ ने इस घृणित अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करना धारा 166ए भादंसं तथा धारा 19(2) पॉक्सो अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराध है तथा उक्त धाराओं में थानाधिकारी सीताराम पंवार के विरुद्ध प्रसंज्ञान लिए जाने के आदेश जारी किए गए।
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