पुलिस व आबकारी का तंत्र कमजोर है या कोई दूसरा मंत्र है!

- मंडार में मैथीपुरा से बदस्तूर जारी है शराब की तस्करी
- भारी मात्रा में शराब तस्करी के बावजूद जिम्मेदार मूकदर्शक
सिरोही. मंडार के समीप मैथीपुरा क्षेत्र शराब तस्करी का गढ़ बना हुआ है, लेकिन पुलिस व आबकारी महकमा मौन ही नजर आ रहे हैं। रात-दिन शराब तस्करी जारी है पर न तो आबकारी कोई कार्रवाई कर रही है और न ही पुलिस पकड़ पा रही है। पता नहीं इस मामले में पुलिस व आबकारी का मुखबिर मंत्र कमजोर है या कोई और ही मंत्र है, जो इनको कार्रवाई करने से रोक रहा है।
फिर भी ढिलाई बरत रहे है तो क्यों
मैथीपुरा क्षेत्र के गांवों में कुछ जगह डम्पिंग यार्ड बने हुए हैं, जहां आसानी से शराब छुपाई जा रही है। यहां से वाहनों में भरकर इसे गुजरात के लिए भेजा रहा है। शराब तस्करों के लिए यह क्षेत्र लम्बे समय से सुगम बना हुआ है, लेकिन पता नहीं क्यों पुलिस व आबकारी महकमा ढिलाई बरत रहे हंै।
खुले छोड़ रखे हैं तस्करी के रास्ते
इस क्षेत्र में पादर, गुंदवाड़ा होते हुए गुजरात के लिए सीधा रास्ता है। इस मार्ग से भारी पैमाने पर शराब तस्करी की जा रही है। गुजरात के लिए शराब तस्करी रोकने की प्लानिंग हो तो इस मार्ग पर नाकाबंदी भी की जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। आखिर क्या कारण है कि तस्करी के रास्तों को खुला छोड़ रखा है।
गारंटी पूर्ति की आड़ में शराब तस्करी
मैथीपुरा गांव में संचालित शराब की दुकान करोड़ों रुपए में उठती है। इस बार ही इसकी गारंटी आठ से नौ करोड़ रुपए है। छोटे से गांव की आबादी ही कुल जमा सैकड़ा में हो और वह भी खेतीहर या मजदूर, ऐसे गांव में करोड़ों की शराब किस तरह बिक सकती है। बताया जा रहा है कि गारंटी पूर्ति की आड़ में इस क्षेत्र से बड़े पैमाने पर शराब तस्करी की जा रही है।