वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई और ठेकेदार से पांच लाख वसूले

- कटे पेड़ व ट्रक जब्त होने पर कटाई के घपले का खुलासा
- दो को सस्पेंड किया पर पूरी बात बताने से कतरा रहे अधिकारी
सिरोही. वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। मामले में विभागीय कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है। इसमें एक रेंजर व दूसरा सहायक वनपाल है। अवैध कटाई मामले में ठेकेदार को भ्रमित कर लाखों रुपए वसूले जाने का मामला बताया जा रहा है। कटाई का ठेका देने की आड़ में ठेकेदार से पांच लाख रुपए वसूले गए थे। बाद में कटे पेड़ व ट्रक जब्त हुए तो घपले का खुलासा हुआ। हालांकि वन विभाग ने अपना दामन बचाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को सस्पेंड तो कर दिया है, लेकिन पूरी बात बताने से अब भी कतरा रहे हैं तो आखिर क्यों।
दस लाख में तय की थी डील
बताया जा रहा है कि सहायक वनपाल ने बगैर वर्क ऑर्डर जारी किए ही यह ठेका दे दिया। डील दस लाख में तय हुई थी। इसमें से पहले डेढ़ लाख और बाद में ढाई लाख रुपए दिए गए। इसकें बाद अन्य राशि देना बताया गया है। मामले का खुलासा होने पर सहायक वनपाल व रेंजर को सस्पेंड कर दिया गया।
डेढ़ लाख दिए तो कहा पूरे चार लाख देने पड़ेंगे
जिस ठेकेदार ने पेड़ कटाई का यह ठेका लिया था उसने सहायक वनपाल के साथ डील की। रुपए देने का उसने वीडियो भी बनाया है। जिसमें इन दोनों के बीच हो रही बातचीत रिकॉर्ड है। उसने पहले डेढ़ लाख रुपए दिए है, जिस पर सहायक वनपाल कह रही है कि वर्क ऑर्डर जारी होने पर चार लाख रुपए देने पड़ेंगे। तब ठेकेदार ने बताया कि ढाई लाख और दे दूंगा।
वर्क ऑर्डर से कार्य चल रहा था तो पकड़ा क्यों
यह पूरा घटनाक्रम महीनेभर पहले का है और मामले का खुलासा भी तब हुआ, जब ठेकेदार के ट्रक कटे पेड़ लेकर जा रहे थे। सिरोही वन मंडल अधिकारी ने उसका ट्रक पकड़ लिया। ठेकेदार ने बताया कि उसने ठेका लेकर पेड़ काटे है और इसके लिए पांच लाख रुपए एडवांस दिए गए है। वर्क ऑर्डर रेंजर के पास है। इस पर मंडल वन अधिकारी ने ट्रक खाली कराकर छोड़ दिया। बाद में ठेकेदार ने रेंजर से ऑर्डर मांगा तो बताया गया कि मंडल वन अधिकारी से बात हो गई है। आप पेड़ काटकर ले जा सकते हैं। काम फिर शुरू हुआ, लेकिन वन विभाग ने वापस उसके दो ट्रक पकड़ लिए और चालान काटा।
आखिर क्यों कतरा रहे अधिकारी
बताया जा रहा है कि इस मामले की जानकारी मिलने पर वन अधिकारी हरकत में आए तथा सम्बंधित सहायक वनपाल मीना विश्नोई व रेंजर किशनसिंह राणावत को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद जांच शुरू की गई है, लेकिन इस पूरे मामले का खुलासा किए जाने को लेकर कतरा रहे हैं। डीएफओ कस्तूरी प्रशांत सूले ने इस मामले में जांच का हवाला देते हुए अभी कुछ भी बताने से इनकार किया। वहीं, एसीएफ जगदीश बोला ने कहा कि अभी मैं बाहर हूं आप ऑफिस से पता कीजिए।
http://surl.li/wqcipr … परिवहन विभाग ने निजी हाथों में सौंपा सरकारी सिस्टम!- जिम्मेदारों की नाक के नीचे काम कर रहे निजी लोग- विभागीय डॉक्यूमेंट तक इनके हाथ से निकल रहे- आखिर इनका वेतन कौन वहन कर रहा और क्यों…
https://tinyurl.com/54x6ad36 … ऊर्जा, साहस और सफलता से भरपूर रहेगा यह साल- न्यूमेरोलॉजिस्ट का आकलन: इस वर्ष का स्वामी मंगल है, जो सबका मंगल करेंगे … जानिए विस्तृत समाचार…