
- औने-पौने दामों पर रामझरोखा मंदिर की भूमि हथियाने की साजिश
- दस्तावेजों में हेरफेर कर अवैध रूप से पट्टे बनाने का आरोप
सिरोही. शहर में इन दिनों रामझरोखा मंदिर (Ramjharokhatemple) से जुड़ी भूमि पर अवैध रूप से पट्टे काटे जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। आरोप है कि मंदिर की भूमि को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया है। इस मामले में विपक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधि धरना देने को आतुर हैं तो सत्ता पक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधि इस पट्टा प्रकरण से ही अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं। शायद यही कारण है कि जिला प्रशासन से समूची रिपोर्ट भी मांगी गई है। अब बड़ा सवाल यह कि जब दोनों ही पक्ष अनभिज्ञ है तो मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से पट्टे आखिर किसकी शह पर बन गए।
कम से कम चार महीने तो हुए ही है
पट्टों के पंजीयन के लिए गत अगस्त माह में आवेदन किया गया है यानि पूरा मामला कम से कम चार माह पहले का तो है ही। ऐसे में दोनों ही पक्ष अभी तक इस मामले में अनभिज्ञ क्यों रहे यह कहना मुश्किल है। बगैर किसी की जानकारी में आए यदि इस तरह के मामले चल रहे हैं तो यह भी सोचने वाली बात है।
राज्यमंत्री ने दिए कार्रवाई के निर्देश
इस पूरे मामले को लेकर राज्यमंत्री ओटाराम देवासी (otaramdewasi) ने जिला प्रशासन से जानकारी मांगी है। जिला कलक्टर को पत्रावलियों मे हुई अनियमितताओ एवं दस्तावेजों में हुई गङ़बङिय़ों के लिए भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन से कहा है कि मंदिर की भूमि को निजी व्यक्तियों की ओर से अवैध रूप से हथियाने का प्रयास स्वीकार्य नहीं होगा।
सांसद ने जिला कलक्टर को लिखा पत्र
वहीं, सांसद लुम्बाराम चौधरी (Lumbaramchoudhary) ने भी सोमवार को जिला जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि नगर परिषद ने यदि अवैध रूप से पट्टे जारी किए हैं तो तत्काल ही निरस्त करने एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएं। पत्र में लिखा है कि उन्हें यह समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों से ज्ञात हुआ है कि मंदिर की भूमि पर नगर परिषद ने निजी व्यक्तियों को अवैध रूप से पट्टे जारी कर दिए हैं।
कांग्रेस ने रखी पट्टे व लीज निरस्ती की मांग
उधर, कांग्रेस की ओर से मंगलवार को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा (sanyamlodha) के नेतृत्व में होने वाले इस प्रदर्शन में रामझरोखा मंदिर की भूमि पर जारी हुए आठ पट्टे निरस्त करने व मंदिर की भूमि निजी विद्यालय के लिए 99 साल की लीज को निरस्त करने की मांग शामिल है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जिले में भ्रष्टाचार पनप रहा है एवं नियमों को ताक पर रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं।



