
- प्रदेश में बाहरी उम्मीदवार लाने से हुए मुखर
- कांग्रेस की वोट की गणित गड़बड़ाने का अंदेशा
जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। प्रदेश में खाली हो रही इन सीटों पर बाहरी उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं। लिहाजा स्थानीय नेता विरोध में उतर आए हैं। ऐसे में तीन सीटों के लिए बनी कांग्रेस की गणित भी गड़बड़ाने का अंदेशा बन रहा है। तीनों सीटों पर जीत के लिए कांग्रेस को कुल 123 वोट चाहिए। दो सीटों के लिए गणित पूरी तरह बैठ रही है, लेकिन तीसरी सीट के लिए गणित गड़बड़ा सकती है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र मूल के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, हरियाणा के रणदीप सुरजेवाला व उत्तरप्रदेश के प्रमोद तिवारी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
तीन सीटों के लिए वोट का गणित
हर उम्मीदवार को जीत के लिए 41-41 वोट जरूरी हैं। कांग्रेस को तीन सीट जीतने के लिए 123 वोट चाहिए। इन सीटों के लिए कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं, इनमें 6 बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले भी सम्मिलित हैं। 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा है। एक आरएलडी कोटे के सुभाष गर्ग भी हैं। यह संख्या 122 ही पहुंचती है। दो सीपीएम और दो बीटीपी के विधायक भी हैं, जो पहले गहलोत सरकार को समर्थन और वोट दे चुके हैं। लिहाजा कांग्रेस को तीसरी सीट पर जीत के लिए अब भी सीपीएम-बीटीपी में से किसी एक का समर्थन जरूरी रहेगा।
इसलिए संकट में दिख रही तीसरी सीट
बाहरी उम्मीदवारों को आगे करने से स्थानीय नेताओं में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। निर्दलीय या अन्य अन्य समर्थक विधायकों के वोट खिसक जाने पर कांग्रेस के लिए तीसरी सीट पर संकट आ सकता है। सीएम (CM GEHLOT) के सलाहकार व निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (SANYAM LODHA) राजस्थान के उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई है। लोढ़ा मुख्यमंत्री के साथ बताए जा रहे हैं, लेकिन चार से पांच निर्दलीय विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। इन निर्दलीयों के दो वोट भी खिसक गए तो कांग्रेस का नंबर गेम बिगड़ सकता है। बीटीपी के दो विधायक हैं और बीटीपी इस बार आदिवासी को टिकट नहीं मिलने पर नाराज है। बीटीपी विधायक राजकुमार रोत पहले ही कह चुके हैं कि आदिवासी को टिकट नहीं दिया तो कांग्रेस को सपोर्ट नहीं करेंगे। सीपीएम का रूख भी साफ नहीं है। लिहाजा कांग्रेस के पास तीसरी सीट जीतने की संख्या गड़बड़ा जाती है।
किसी ने लिखी चिट्ठी, किसी ने किया ट्वीट
राज्यसभा (Rajya Sabha) की तीन सीटों पर कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवारों (candidates) की घोषणा के साथ ही पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक रविवार रात से ही विरोध शुरू हो गया है। निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस से विधायक भी इस फैसले से नाखुश दिख रहे हैं। साथ ही इस पर सवाल उठाने लगे हैं। किसी ने ट्वीट किए तो किसी ने चिट्ठी तक लिख डाली।

बड़े घर बेटी दी है, अब मिलबा का सांसा
कांग्रेस विधायक भरतसिंह ने सीएम को चिट्ठी लिखकर निशाना साधा है। लिखा है कि कांग्रेस के तीनों नाम वरिष्ठ नेताओं के हैं, जिसका लाभ राज्यसभा में पार्टी को अवश्य ही मिलेगा। यह भी सच्चाई है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में लडऩे से बड़े नेता अब हिम्मत नहीं दिखाते हैं। वरिष्ठ नेता राज्यसभा के माध्यम से ही जिन्दा रहना चाहते हैं। आगे लिखा कि कांग्रेस के विधायक के नाते मेरी पीड़ा है कि यह नेता चुनाव जीतने के बाद लाट साहब बन जाते हैं। पार्टी के विधायको व कार्यकर्ता से मिलने का इनके पास न तो समय है एवं न ही चिन्तन है। हाड़ौती की यह कहावत सही है कि बड़े घर बेटी दी है व अब मिलबा का सांसा।
पार्टी को बताना चाहिए कि क्या कारण है
सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने राजस्थान के किसी भी नेता को टिकट नहीं देकर बाहरी नेताओं को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठाया। लोढ़ा ने लिखा कांग्रेस पार्टी को यह बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाने के क्या कारण हैं।#jaipur.Rar in Congress before Rajya Sabha elections, voices of protest raised