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समाज में शुचिता और जागृति लाता है साहित्य

  • टीकम अनजाना के 5वें कविता संग्रह रज भारत की चन्दन सी का लोकार्पण, मुख्य सचिव निरंजन आर्य का रहा आतिथ्य

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि साहित्य समाज में शुचिता लाने, जागृत करने और नए समाज की संरचना करने में योगदान करता है। वे शनिवार को यहां चेम्बर भवन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और वरिष्ठ कवि टीकम बोहरा अनजाना के 5वें कविता संग्रह रज भारत की चन्दन सी के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति में कहा कि कल्पनाओं का कसमसाता कोहरा है मन के मन्दिर का मीठा मोहरा है, एक ही शब्द पर अर्थ दोहरा है। नसीबों का नटखट नोहरा है, यही टीकमचन्द बोहरा है। आर्य ने कहा कि कविताएं मन को स्पंदित करती हैं और सृजनात्मक राह दिखाती हैं। साहित्य अपने शब्दों से समाज को चेताने का काम करता है। जिन्दगी भाग रही है, दौड़ रही है। ऐसे में हमें समय के साथ बदलने की जरूरत है। शासन में काम करने वाला व्यक्ति यदि शब्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रखता है तो यह महत्वपूर्ण है। साहित्य साधना प्रेरणादायक कार्य है। मैं प्रशासन में अवश्य हूं लेकिन मूलत: शब्द का कद्रदान हूं।

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साहित्य समाज को नई दिशा देता है
समारोह के अध्यक्ष लोकेशकुमार सिंह साहिल ने कहा कि प्रशासन में रहते हुए अपनी संवेदनाओं को बचाए रखना दुर्लभ है। टीकम अनजाना लेखन के जरिए अपनी संवेदनाओं को अभिव्यक्ति दे रहे हैं। साहित्य असल में समाज को नई दिशा देता है। प्रसिद्ध आलोचक-लेखक डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि कविता इतनी प्रयोजनीय वस्तु है कि संसार के सभ्य-असभ्य सभी समाजों में किसी न किसी रूप में पाई जाती है। कविता का अस्तित्व हमेशा रहेगा। अनजाना की कविताएं किशोरों को प्रेरित करने वाली हैं। विद्यार्थियों के सर्वतोमुखी विकास को ध्यान में रखते हुए रची गई हैं जो एक सार्थक प्रयास है।

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निरर्थक है साहित्य, संगीत, कला विहीन जीवन
वरिष्ठ कवि और व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि टीकम अनजाना अपने सृजन से देश और समाज के जीवन मूल्यों की रक्षा के प्रति सचेत करते हैं। उनकी कविताएं आज के असहिष्णु होते समय में संवेदनशील बनाए रखने का काम करती है। वरिष्ठ लेखिका शारदा कृष्ण ने अनजाना की कविता की चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य, संगीत, कला विहीन जीवन निरर्थक है। मानवीय संवेदना का सबसे सुन्दर प्रयोग कविता में ही होता है। इस अवसर पर कविता संग्रह के लेखक टीकम अनजाना ने अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ करते हुए कहा कि कविता मनुष्य की प्रवृत्तियों को परिष्कृत करती हैं। अनुकृति की संपादक और अनुकृति प्रकाशन की प्रकाशक डॉ. जयश्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छे साहित्य की सदैव जरूरत रहती है। संयोजन प्रसिद्ध कवयित्री सुशीला शील ने किया।#Tikam Anjaana’s 5th poetry collection Raj Bharat Ki Chandan Si launched

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