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यूनाइटेड इण्डिया ने इंश्योरेंस क्लेम देने से किया मना, अब ब्याज सहित देनी पड़ेगी राशि

जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला, बाइक चोरी मामले में पीडि़त को बीमा क्लेम नहीं मिलना सेवा में त्रुटि

सिरोही. बाइक चोरी के मामले में यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी ने उपभोक्ता को बिना क्लेम दिए ही लौटा दिया। मामला उपभोक्ता आयोग तक पहुंचा तो इसे सेवा में त्रुटि माना गया। अब कंपनी को बीमा राशि ब्याज सहित अदा करनी होगी।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी रघुवीरसिंह ने अप्रार्थी यूनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी से बाइक का बीमा करवाया था। बीमा पॉलिसी के तहत परिवादी के बाइक का 47 हजार रुपए का रिस्कवर किया हुआ था। मामले के तहत परिवादी ने रात करीब नौ बजे अपनी बाइक घर के बाहर लॉक कर रखी थी। सुबह गायब मिली। बाइक कोई चुरा ले गया था। काफी तलाश करने के बाद भी बाइक का पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। बाइक का बीमा होने से मुआवजा प्राप्ति के लिए क्लेम आवेदन भी पेश किया, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने परिवादी का बीमा क्लेम खारिज कर दिया। बताया कि परिवादी ने वाहन चोरी की सूचना देरी से बीमा कंपनी दी। इससे चोरी होने की घटना के संबंध में जांच करने का कोई अवसर प्राप्त नहीं हुआ। इस पर परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवादी पेश किया। आयोग ने माना कि परिवादी ने अप्रार्थी से बाइक का बीमा करवाया था एवं चोरी होने पर क्लेम आवेदन बीमा कंपनी में दिया था, लेकिन अप्रार्थी ने क्लेम खारिज दिया। अप्रार्थी बीमा कंपनी की ओर से क्लेम रेपुडियेट कर परिवादी को बीमा राशि अदा नहीं करने से सेवा में त्रुटि कारित की है। आयोग ने परिवादी रघुवीरसिंह को बीमा क्लेम मिलने का हकदार माना तथा अप्रार्थी यूनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी को बीमा धन राशि 47 हजार रुपए व इस राशि पर परिवाद दर्ज होने की तारीख से नौ प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज अदा करने का फैसला सुनाया। साथ ही परिवादी को मानसिक संताप के लिए पांच हजार व परिवाद व्यय के लिए भी पांच हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया। सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मलारखान मंगलिया, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने की।#United India refuses to give insurance claim, now the amount will have to be paid with interest

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