
- पाड़ीव नदी से निकल रही बजरी से ग्रामीणों में आक्रोश
- पर्यावरण बचाने के लिए ग्रामीणों ने किया विरोध-प्रदर्शन
सिरोही. पाड़ीव से गुजर रही कृष्णावती नदी का सीना छलनी होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। बजरी ठेकेदार नदी का दोहन कर बजरी का भंडारण कर रहे हैं। इसके लिए गांव के समीप भूमि को हायर कर रखा है। डम्पिंग यार्ड में रखी बजरी मुंहमांगे दामों पर डम्परों से बाहर भेजी जा रही है। यहां तक कि बजरी का स्टॉक कृषि भूमि पर करते हुए ठेकेदार व्यवसायिक कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों ने नदी के दोहन को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
बिखर गई ढाई साल पहले बनी सडक़
नदी से डम्पिंग यार्ड तक बजरी पहुंचाने में भी कई वाहन लगे हुए हैं। इन वाहनों के आगवामन से पाड़ीव गांव का बायपास पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि यह सडक़ महज ढाई साल पहले ही बनी थी और अब मरम्मत मांग रही है।
सडक़ पर बिखरी बजरी से बढ़ रहे हादसे
बजरी भरे वाहन मनमर्जी से चल रहे हैं। ऐसे में वाहनों से सडक़ पर बजरी बिखर रही है तथा मार्ग में बजरी की मोटी परत सी बिछी हुई है। इससे अन्य वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं। दुपहिया वाहनों के लिए तो इस मार्ग पर चलना ही दूभर हो गया है।
नदियों में मनमर्जी से खुदाई
नदी के दोहन को लेकर ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इनका कहना रहा कि नदियों में मनमर्जी से खुदाई की जा रही है। मशीनों से गहराई तक बजरी निकाली जा रही है, जिससे आसपास के गांवों का जलस्तर पैंदे बैठ रहा है। बजरी के दोहन से नदियों के अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगा है। ग्रामीणों ने नदियों से बजरी के दोहन एवं भंडारण पर रोक लगाए जाने की मांग रखी है। इस दौरान पदमसिंह, सुरेशकुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।
जावाल में भी हो चुका है विरोध-प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि जावाल के समीप नदी के दोहन पर भी ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन किया था, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। कस्बाई बाजार बंद रखे जाने के बाद भी न तो नदी का दोहन रूका और न ही डम्परों से भरकर बाहर जा रही बजरी की रोकथाम हो सकी।
पर्यावरण नुकसान हो रहा है…
नदियों में बजरी के दोहन से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। आसपास के गांवों का जलस्तर भी नीचे बैठ रहा है। नदी से डम्पिंग यार्ड तक बजरी लाए जाने से हाल ही में बनी सडक़ खराब हो गई है। इस मामले में प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
- देसाराम मेघवाल, सरपंच, पाड़ीव