
- जल-कलश यात्रा के साथ तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज
- शिवालय और गुरु मंदिर में दर्शन लाभ के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु
सिरोही. कैलाशनगर (kailashnagar) में भीमा नाड़ी स्थित बिलेश्वर महादेव मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से शुरू हुआ। तीन दिवसीय महोत्सव का आगाज जल-कलश यात्रा के साथ किया गया। नवनिर्मित शिवालय में सोमवार को जयकारों के बीच प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएगी। शिवालय व गुरु मंदिर में दर्शन लाभ को लेकर श्रद्धालुओं में उल्लास बना हुआ है।
महोत्सव का आगाज शनिवार को जल-कलश यात्रा के साथ किया गया। इस दौरान बालिकाओं व युवतियों ने कलश सिर पर धारण किए। गंगा माता के जयकारों के बीच कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंची। महोत्सव स्थल को दुल्हन की तरह सजाया गया है। आकर्षक सजावट करते हुए तोरणद्वार व बंदनवार लगाए गए हैं। आकर्षक रोशनी सज्जा को लोग एकटक निहारते नजर आए।

महोत्सव को लेकर किए पुख्ता प्रबंध
चेनजी महाराज दाता (chenji maharaj data) के आशीर्वाद एवं अन्य साधु-संतों के सान्निध्य में हो रहे इस महोत्सव को लेकर जोरदार तैयारियां की गई है। महोत्सव की तैयारियां दाता के शिष्य शेरगिरी महाराज की देखरेख में की जा रही है। व्यवस्थाओं को बनाए रखने में श्रद्धालु बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। अतिथियों एवं संतों के आगमन का सिलसिला भी बना हुआ है। भोजन-विश्राम व ठहराव को लेकर अलग-अलग पांडाल बनाए गए हैं।
लगातार हो रहे धार्मिक आयोजन
आयोजन समिति के अनुसार महोत्सव के तहत पहले दिन शनिवार को दशविधि स्नान, प्रायश्चित, कलश यात्रा, गणपति आदि स्थापित देवता पूजन, अग्नि स्थापना समेत अन्य आयोजन किए गए। वहीं, रविवार को दूसरे दिन संतों का आगमन एवं स्वागत सत्कार किया गया। वहीं, गणपति आदि स्थापित देवताओं का प्रात: पूजन, कुटीर होम प्रासाद वास्तु, शांतिक-पौष्टिक होम, स्नपन विधि, मूर्ति तत्वन्यास, धान्यादिवास, सायंकालीन पूजन, आरती आदि के कार्यक्रम हुए।

सोमवार को प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूर्णाहुति
महोत्सव के तहत सोमवार को प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूर्णाहुति की जाएगी। इस दौरान सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रम होंगे। सुबह पूजन के बाद तत्वन्यास न्यास, प्राण-प्रतिष्ठा, मूर्ति-मूर्ति लोकपाल आदि होम, विशेष नवग्रह होम, शांतिक-पौष्टिक होम, प्रायश्चित हवन, मूर्ति स्थापना व पूर्णाहुति की जाएगी। महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उल्लास बना हुआ है।