
- जिला प्रभारी मंत्री ने मादक पदार्थों के बढ़ते चलन को लेकर प्रभावी कार्रवाई के दिए निर्देश
- स्थानीय विधायक ने कहा शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए प्रभावी गश्त बढ़ाएं
सिरोही. गुजरात बॉर्डर से सटे सिरोही जिले में मादक पदार्थों का सेवन बढ़ रहा है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। शराब की दुकानें भी अवैध रूप से संचालित हो रही है, जिस पर प्रभावी तरीके से मॉनिटरिंग किए जाने की आवश्यकता है। सिरोही से होते हुए ठेठ गुजरात तक शराब पहुंच रही है। जिले में शराब का अवैध कारोबार तक हो रहा है, लेकिन आबकारी महकमा मानों मूकदर्शक बना हुआ है। मामला कितना गंभीर है यह इसी से जाहिर हो जाता है कि जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक में खुद मंत्री को इस मुद्दे पर मुखर होना पड़ा। साथ ही सम्बंधित अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश देने पड़े। ऐसे में इसे स्थानीय अधिकारियों की बेपरवाही का आलम कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। माना जा रहा है कि महकमे के अधिकारी पहले ही गंभीरता से कार्रवाई कर लेते तो मंत्री को शायद मुखर नहीं होना पड़ता।
सिरोही में मंगलवार को जिला प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में आयोजित जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक में यह मुद्दा उठा। खुद प्रभारी मंत्री ने मादक पदार्थों के बढऩे चलन पर चिंता जाहिर की तथा सम्बंधित अधिकारियों को इस मामले में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी इस मुद्दे को बैठक में रखा। कहा कि मादक पदार्थों की बिक्री पर प्रभावी नियंत्रण किया जाएं। साथ ही अवैध रूप से संचालित शराब की दुकानों पर कार्रवाई के लिए प्रभावी गश्त बढ़ाने की बात कही। अब देखना यह है कि प्रभारी मंत्री के निर्देशों की पालना कब तक हो पाती है।
फिर भी मौन है आबकारी महकमा
सिरोही जिले से होते हुए गुजरात के लिए शराब तस्करी लम्बे अर्से से चल रही है। बॉर्डर से सटे गांवों की दुकानों का माल भी सीधा गुजरात को आपूर्ति हो रहा है। यहां तक कि इन गांवों का सीधा कनेक्शन गुजरात के तस्करों से बना हुआ है, जो हल्के वाहनों में भरकर माल ले जाते हैं। इसके बावजूद आबकारी महकमे ने पूरी तरह मौन धारण कर रखा है। यही कारण है कि इस तरह के मामलों पर आबकारी के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।
शराब ठेकेदारों को मिल रही शह
आबकारी महकमे की ओर से जारी एक लाइसेंस की आड़ में शराब की कई दुकानें चल रही है। महकमे के अधिकारी इससे अनभिज्ञ भी नहीं है, लेकिन ठेकेदारों को शह दी जा रही है। इसके पीछे दबे शब्दों में तर्क यही कि सरकारी माल बेचना है, लेकिन खुले तौर पर अवैध रूप से शराब बेचे जाने की बात सिरे से नकारी जा रही है। चाहे जो हो, लेकिन यह सर्वविदित है कि एक लाइसेंस पर शराब की एक साथ कई दुकानें भी चलाई जा रही है।#District in-charge minister gave instructions for effective action regarding the increasing trend of narcotics