मृतका को दो वर्षों से न्याय का इंतजार, महिला आयोग से लगाई गुहार

- पिण्डवाड़ा के निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
- प्रसव करवाते समय गलत उपचार देने से मौत का मामला
सिरोही. पिण्डवाड़ा के समीप फुलेरा निवासी महिला को अपनी मौत के दो वर्षों बाद भी न्याय नहीं मिल पाया है। निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान गलत उपचार के कारण उसकी मौत हो गई और न्याय के लिए परिजन दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन निराशा की हाथ लगी। परिजनों ने अब राष्ट्रीय महिला आयोग में गुहार लगाई है। आरोप है कि पिण्डवाड़ा के मातृछाया हॉस्पिटल में लापरवाही से महिला की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजयाताई राहटकर के आगमन पर परिजनों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा।
लापरवाही से महिला की मौत का आरोप
फुलेरा निवासी किशोरकुमार पुत्र हीरालाल रावल ने बताया कि उनकी पुत्री जेतलकुमारी रावल को गत 7 अक्टूबर 2023 को प्रसव के लिए पिण्डवाड़ा के मातृछाया हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। यहां उपचार के दौरान चिकित्सक व प्रबंधन की लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई। आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में डॉ. कल्पना डामोर व प्रबंधक भरतपाल बैंदा ने अनुभवहीन युवक से एनेस्थेसिया दिलवाया, जिससे जेतलकुमारी की मौके पर ही मौत हो गई।
फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही
ज्ञापन में बताया गया कि अस्पताल लंबे समय से बगैर जरूरी संसाधनों और योग्य चिकित्सकों के बिना ही संचालित किया जा रहा है। लापरवाही गर्भवती के साथ जानलेवा साबित हो रही है। जेतलकुमारी की मौत के बाद चिकित्सकों की जांच टीम ने भी अस्पताल प्रबंधन व संबंधित चिकित्सक को दोषी माना, लेकिन इसके बावजूद न तो पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न ही चिकित्सा विभाग ने कोई संज्ञान लिया।
बेटी को न्याय दिलवाने की मांग
महिला आयोग अध्यक्ष को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि इस सम्बंध में संगठन व शासन स्तर पर कई जगह गुहार लगाई गई, लेकिन न्याय नहीं मिला। अपनी बेटी को न्याय दिलवाने एवं दोषी डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन पर कठोर कार्रवाई किए जाने की राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष से मांग की गई है।