वर्चस्व की लड़ाई में हीरा घायल, रैकी के बाद रेस्क्यू

जवाई लेपर्ड की शान है पैंथर हीरा, काफी प्रयास के बाद मिला, फिर भेजा उदयपुर
सादड़ी (पाली). जवाई लेपर्ड की शान माने जाने वाले हीरा पैंथर का रेस्क्यू कर सुरक्षित रूप से उदयपुर भेजा गया है। वहां उसका उपचार किया जाएगा। पैंथर गत दिनों आपसी लड़ाई में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे सप्ताहभर की रैकी के बाद रेस्क्यू किया जा सका है।
कुंभलगढ़ अभयारण्य के सहायक वन संरक्षक किशनसिंह राणावत बताते हैं कि हीरा पैंथर की गत 28 अक्टूबर को बेड़ा नदी के समीप अन्य पैंथर के साथ लड़ाई हो गई थी। वन्यजीवों का शोरगुल सुनकर लोगों को इसकी जानकारी मिली। सूचना मिलने पर वनपाल विक्रमसिंह, सहायक वनपाल कृष्णा राणावत समेत जाब्ता पहुंचा तथा घायल पैंथर की खोजबीन शुरू की। सिर में गंभीर चोट को देखते हुए पैंथर का रेस्क्यू किया गया। उसे पिंजरे में बंद कर उदयपुर स्थित बायोलॉजिकल पार्क भेजा गया। इस दौरान ग्रामीण बलजीतसिंह, अक्षयसिंह, एमपी सिंह, ओमवीर, भवानीसिंह, इरफान, लक्ष्यराजसिंह, धीरज माली, शैलेन्द्रसिंह, दिलीप सोलंकी का सक्रिय सहयोग रहा।
इस तरह ढूंढा गया
बताया गया कि लगातार दो दिन तक हीरा अपने प्राकृतिक आवास से बाहर नहीं आया। इस पर उसे खुले में शिकार का लालच देकर बुलाया गया। बाहर आया तो पता चला कि वह गंभीर रूप से घायल है। सिर की चोट को देखते हुए उसे जल्द से जल्द इलाज की जरूरत थी। ऐसे में रेस्क्यू कर उदयपुर भेजा गया।
इसलिए शान है हीरा
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि सहज रूप से दिखाई देने से हीरा ने सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को कभी मायूस नहीं किया। जैसे ही कोई सफारी वाहन पहुंचता है हीरा अपने प्राकृतिक रहवास से बाहर आकर अठखेलियां कर पर्यटकों को रोमांचित कर देता है। हीरा जवाई की शान है।