प्रदेशभर में प्रदर्शन, बेरोजगार कला शिक्षकों ने रखी पद सृजित कर भर्ती की मांग
जयपुर. बेरोजगार कला शिक्षकों ने सरकार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। लम्बे समय से अटकी भर्ती को लेकर बेरोजगार लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। ऐसे में अब अनूठा प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके तहत बेरोजगार कला शिक्षक अपनी कलाकृतियों को घर में ही सजाते हुए विरोध जता रहे हैं। कुछ घंटों तक गीत-संगीत की प्रस्तुति देकर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक साथ इस तरह का विरोध-प्रदर्शन किया गया। बेरोजगार कला शिक्षकों की ओर से नवीन पद सृजित कर भर्ती करने समेत मांगों पर यह आंदोलन किया जा रहा है।
मांग सरकार तक पहुंचाने का प्रयास
प्रदर्शन के तहत चित्रकला व मूर्तिकला के शिक्षकों ने घरों में विभिन्न कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गीतों की वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति दी गई। कई जगह गीत-संगीत के बीच नृत्य प्रस्तुति देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने इस अभियान को सोशल मीडिया के जरिए अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया।
इसलिए कलात्मक विरोध प्रदर्शन
बेरोजगार शिक्षकों ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला, संगीत) विषय के अध्यापकों के पद सृजित कर भर्ती करने की दरकार है। कला शिक्षा की पुस्तक व कला शिक्षा का शिक्षण सहित मांगों को लेकर 15 वर्षों से शान्तिपूर्ण अहिंसात्मक आन्दोलन करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही। इससे व्यथित बेरोजगारों ने 10 अक्टूबर को अपने-अपने घरों से सोशल मीडिया पर यह अनूठा अभियान चलाया। इसे राज्य सरकार के खिलाफ कलात्मक विरोध प्रदर्शन का नाम दिया गया है।
अनुमति नहीं मिलने से रोष बढ़ा
बताया गया कि बेरोजगार कला शिक्षक (चित्रकला-संगीत) अभ्यर्थी अपनी पेन्टिंग और मूर्तिकला, वाद्ययंत्रों के साथ शहीद स्मारक जयपुर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस विभाग ने कोरोना गाइड लाइन का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी प्रतिनिधि मण्डल को मिलने की अनुमति नहीं दी। इससे प्रदेशभर के कलाकारों में भारी रोष व्याप्त है।