
- भजनों में भक्ति से हुए सराबोर, जगाई राष्ट्रीय चेतना
- भोर तक बही सुर-सरिता ने समां बांधा, उमड़े श्रद्धालु
सिरोही. एक शाम वीर बाबा के नाम भजन-जागरण में भक्ति के साथ राष्ट्रीय चेतना की अलख जगाई गई। गायक प्रकाश माली ने श्रद्घालुओं ने भोर तक बांधे रखा। गायक सोनू सिसोदिया के साथ प्रकाश माली को सुनते हुए श्रद्धालु भोर तक जमे रहे। मुझे चढ़ गया भगवा रंग, जिसे देख जमाना रह गया दंग, इसे ओढ़ के नाचे बजरंग… जैसे भक्ति गीत ने मानों पूरे पांडाल में धूम मचा दी। श्रद्धालु अपनी जगह बैठे-बैठे ही झूमने लगे। वहीं, धोरा धरती, शूरवीरों का गुणगान, श्रीराम महिमा, श्रीकृष्ण लीला, भक्त मीराबाई, शंकर-पार्वती की महिमा का बखान करते हुए कलाकारों ने समां बांध दिया। इससे पहले ध्वजारोहण के साथ आरती की गई। श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण की। आयोजन समिति के जयंती माली, कुलदीप, वीरेंद्र एम चौहान, हरिकिशन रावल, ललित प्रजापत, राहुल, विष्णु माली, गोपाल माली, अनिल, प्रमोद, छगनलाल माली, धनराज, महेंद्र खंडेलवाल आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।

आयोजकों ने किया अतिथियों का स्वागत
शहर के भाटकड़ा स्थित कालकाजी तालाब रोड पर वीर भगवान भंवरसिंह राठौड़ के 23वें वार्षिकोत्सव पर भजन-जागरण किया गया। आयोजक मनोरमा चंदूभाई भट्ट परिवार के अजय भट्ट, प्रशांत, परेश एवं मेला कमेटी ने अतिथियों का स्वागत किया। विधायक संयम लोढ़ा, पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, भाजपा नेता वीरेंद्रसिंह चौहान, भाजपा शहर अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल, महिपाल चारण, सुरेश सगरवंशी, पार्षद जितेंद्र सिंघी, मोहित जांगिड़, एडवोकेट प्रकाश माली, रघुभाई माली आदि का साफा एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।
शानदार रहा ‘हे गोविंदा, हे गोपाला…Ó
भजन गायक प्रकाश माली ने गोमाता की महिमा पर शानदार प्रस्तुति दी। सुखद सुमंगल विश्व कामना जीव मात्र का हो कल्याण, जय धरती मां जय गोमाता गूंज रहा मंत्र महान…, इस पापी युग में गोमाता का कोई नहीं रखवाला, हे गोविंदा हे गोपाला… जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। गायक सोनू सिसोदिया ने राष्ट्रीय भावधारा के अनुरूप गीत जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे, फिर से हम भगवा फहराएंगे…, मेरा रंग दे बसंती चोला जैसी प्रस्तुतियां देकर खासी दाद पाई। हल्दीघाटी में समर लड्यो वो महाराणा प्रताप कठे… सुनाकर राजस्थानी गौरव का गुणगान किया गया।
ठेठ देसी भजनों की रमझट मची रही
भजन-जागरण में ठेठ देसी भजनों की रमझट मची रही। अरे भोमिया चरणे आयो री लजिया राखजो…,् मिठो घणो लागे म्हाने वालो घणो लागे रामजी रो नाम…, नगर मे जोगी आया…, पांच बरस की मीरा सखियों में खेलन जाए… जैसे भजनों ने झूमने को मजबूर कर दिया। वहीं, आदमी मुसाफिर है आता जाता है यादें छोड़ जाता है…, ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे,,, मन लागो मेरो यार फकीरी में… आदि गीतों के जरिए जीवन की नश्वरता पर बताया गया। मंच संचालन प्रकाश खंडेलवाल शिवगंज व मनीष ने किया।