दोस्त की मदद के लिए मुनीम ने अपने सेठ को लूटने की योजना बनाई, धरे गए

- व्यापारी की आंखों में मिर्ची पाउडर डाला पर चश्मे के कारण सफल नहीं हुए
- शोरगुल हुआ तो आरोपी अपनी बाइक छोड़कर भाग गए, कुछ ही घंटों में पकड़ लिया
भीनमाल (जालोर). दोस्त की मदद के लिए मुनीम ने अपने सेठ को ही टारगेट बना लिया। लूट के इरादे से योजना बनाई, लेकिन कुछ ही घंटों में धर लिए गए। योजना के तहत व्यापारी की आंखों में मिर्ची पाउडर डाला भी, लेकिन चयमे के कारण सफल नहीं हो पाए। छीना झपटी के दौरान शोरगुल हुआ तो आरोपियों को अपनी बाइक भी मौके पर ही छोड़ कर भागना पड़ा।
पुलिस के अनुसार कपड़ा व्यवसायी खारी रोड निवासी थानमल पुुत्र तेजाराम माली मंगलवार सवेरे घर से बड़ा चौहटा स्थित दुकान जा रहा था। रास्ते में रावलीसेरी स्थित गोगाजी मंदिर के पास एक युवक ने रूकवाया तथा किसी का पता पूछा। इस दौरान अन्य एक युवक ने आते ही उनकी आंखों पर लाल मिर्ची का पाउडर डाला तथा हाथों में पकड़ा रुपयों से भरा बैग छीनने का प्रयास किया। लेकिन, चश्मा होने से मिर्ची आंखों तक नहीं पहुंची व छीना झपटी के कारण व्यापारी ने शोर मचा दिया। इसी समय तीसरा युवक मोटरसाइकिल लेकर गली में से निकला। जिस पर दोनों आरोपी बैठे व भागने लगे, लेकिन वहां से गुजर रहे राजेश घांची ने मोटरसाइकिल को पीछे से पकड़ा तो असंतुलित होकर गिर गए। घबराहट में तीनों आरोपी पैदल ही भाग गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुुंची तथा आरोपियों की तलाश शुरू की। सीसी टीवी फुटेज, मोटरसाइकिल के नम्बर व तकनीकी आधार पर खारी रोड निवासी विक्रम पुरोहित उर्फ जितेन्द्रकुमार पुत्र देवराज पुरोहित को पकड़ा। पूछताछ के आधार पर व्यापारी के मुनीम खारी रोड निवासी श्रवणकुमार पुत्र रमेशकुमार माली, फिस (लूणी-जोधपुर) निवासी भंवरलाल पुत्र मांगीलाल व बागावास (मंडली-बाड़मेर) निवासी ओमाराम पुत्र नारायणराम देवासी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि मुनीम श्रवण ने अपने दोस्त विक्रम पुरोहित की मदद के लिए अपने ही सेठ को लूट लेने की योजना बनाई थी।

चाचा को भेजा चोरी की रिपोर्ट लिखाने
वारदात स्थल से भागे विक्रम पुरोहित ने तत्काल ही घर जाकर कपड़े बदले। इसके बाद अपने चाचा को बताया कि मोटरसाइकिल चोरी हो गई है। तब चाचा हंसराज को मोटरसाइकिल चोरी की रिपोर्ट लिखने पुलिस थाने गया। यहां पुलिस ने संदेह के आधार पर चाचा को रिपोर्ट दर्ज करने की बात कहते हुए कुछ देर उलझाए रखा। इस दौरान विक्रम को दबोच लिया गया।
इस तरह बनी पूरी योजना
मुनीम श्रवणकुमार अपने रिश्तेदार थानमल माली की दुकान पर लंबे समय से नौकरी करता था। विक्रम पुरोहित के साथ उसकी दोस्ती है। विक्रम से वह पैसे भी मांगता है। विक्रम ने उससे रुपए कमाने का तरीका पूछा तो श्रवण ने सेठ को लूटने की बात बताई। कहा कि सेठ दुकान आता है तो घर से काफी रकम लेकर आता है। इस समय ही उसे लूटने पर अच्छा पैसा मिल सकता है। इस पर विक्रम ने भीनमाल में ही लंबे समय से कंदोई का कार्य कर रहे ओमाराम देवासी को योजना में शामिल किया। इसके बाद भंवरलाल देवासी को जोधपुर से भीनमाल बुलाया। यहां चारों ने रैकी कर लूट की योजना बनाई। इसके तहत मुनीम श्रवण को वारदात के समय दुकान पर ही रहना था।