रिश्ते महके ऐसे
जैसे महकता चन्दन है।
भाई-बहिन में प्यार रहे
कहता रक्षा बन्धन है॥
रक्षा करना बहना की
है भाई का फ़र्ज़।
रक्षासूत्र बाँधकर
करती बहना अर्ज़॥
तिलक लगाकर भाई का
करती अभिनंदन है।
रिश्ते महके ऐसे
जैसे महकता चन्दन है॥
जीवन में आती रहे
ख़ूब ख़ुशियों की घड़ियाँ।
जुड़ी रहे रिश्तों की
प्यारी प्यारी लड़ियाँ॥
संकट में जो साथ देता
उसका होता वन्दन है।
रिश्ते महके ऐसे
जैसे महकता चन्दन है।
भाई-बहिन में प्यार रहे
कहता रक्षा बन्धन है॥
टीकम ‘अनजाना’ , जयपुर
9414077899
भाई-बहन के अटूट स्नेह के त्योहार रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं, पाठकों के लिए प्रस्तुत है साहित्यकार टीकम अनजाना की यह विशेष कविता:-
साहित्यकार टीकम अनजाना (टीकमचंद बोहरा) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है।