- संत आत्महत्या मामले में विधायक समेत तीन पर मामला दर्ज
- कई घंटों बाद सहमति बनने पर पेड़ पर लटके शव को उतारा
जालोर/भीनमाल. सुंधामाता क्षेत्र के राजपुरा गांव स्थित आश्रम के संत आत्महत्या मामले में विधायक (BHINMAL MLA) समेत तीन जनों पर मामला दर्ज किया गया है। वहीं, सहमति बनने के बाद पेड़ से शव को उतारा गया। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए संत का शव उतारने से मना कर दिया था। ऐसे में घंटों तक शव पेड़ पर लटका रहा। ग्रामीणों ने इस मामले में स्थानीय विधायक पर संत के साथ विवाद करने एवं आश्रम का रास्ता बंद करने का आरोप लगाया था। साथ ही पुलिस की ओर से संत के सुसाइड नोट को गुप्त रखे जाने से भी रोष व्याप्त रहा। सहमति बनने के बाद शव पेड़ से उतारा गया, लेकिन साधु को विधायक की जमीन पर समाधि देने का प्रयास किया गया। पुलिस ने रोका तो पथराव कर दिया। इसके बाद विवाद वापस गहराने के समाचार है।#Tomb started giving to the sadhu on the bhinmal MLA’s land, stone pelting on the police
उधर, ग्रामीणों के साथ हुई समझाइश वार्ता के बाद आश्रम के बाहर खोदी गई खाई को पाटा जा रहा है। साथ ही आश्रम के लिए रास्ता बनाने का कार्य शुरू किया गया। ज्ञातव्य है कि हनुमान आश्रम के साधु रविनाथ महाराज ने गुरुवार देर रात आत्महत्या कर ली थी। पेड़ पर लटका उनका शव शनिवार सुबह उतारा गया।
धमकाने व मारपीट का मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार दिवंगत संत रविनाथ महाराज के भतीजे बाबूराम ने मामला दर्ज करवाया है। इस पर पुलिस ने विधायक पूराराम चौधरी, वाहन चालक धनसिंह व बीजनाथ उर्फ छोगाराम के खिलाफ साधु को धमकाने, जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने एवं मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस इस सम्बंध में जांच कर रही है।
इस कारण लोगों में रोष गहराया
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आश्रम के नजदीक ही स्थानीय विधायक की जमीन है। वहां तक जाने के लिए आश्रम के रास्ते में खाई खोदी गई है। इससे आश्रम का अवरुद्ध हो गया। बताया जा रहा है कि जमीनी मामले को लेकर हाल ही में संत के साथ विधायक का विवाद भी हुआ था। इससे क्षुब्ध होकर संत ने पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी। संत ने सुसाइड नोट भी लिखा था, लेकिन पुलिस ने इसमें लिखी बातों को सार्वजनिक नहीं किया। इससे लोगों में रोष गहरा गया।
इस तरह गहराता गया विवाद
बताया जा रहा है कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पेड़ पर लटके शव को उतारने का प्रयास किया था, लेकिन ग्रामीणों ने विरोध जताया। आश्रम के साधु और ग्रामीणों ने सुसाइड नोट सार्वजनिक करने एवं आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग रखी। कई घंटों की समझाइश एवं मांग मान लेने के बाद मामले में सहमति बन पाई। इसके बाद शव को उतारा गया। उधर, कुछ लोगों ने विधायक की जमीन पर संत को समाधि देने की बात कही। इससे तनाव एक बार फिर गहरा गया। पुलिस ने रोका तो पथराव किए जाने के भी समाचार है।