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लोकेशन में दर्शाया गोदाम और चला रहे शराब की दुकान

  • आबकारी महकमे के अधिकारी खुद स्वीकार रहे अवैध बिक्री
  • जिला मुख्यालय से सटे गांवों में ही गोदाम की जगह चल रही दुकानें

सिरोही. शराब की अवैध दुकानों को गोदाम के नाम पर चलाया जा रहा है। ठेकेदारों के इस कारनामे को आबकारी महकमा खुद ही प्रोत्साहित कर रहा है। चौंकना लाजिमी पर हकीकत यही है। शराब दुकानों के साथ ही गोदामों की लोकेशन भी स्वीकृत कर रखी है, लेकिन गोदाम की जगह दुकानें खोल रखी है। यह स्थिति दूर-दराज के गांवों में नहीं बल्कि जिला मुख्यालय से सटे गांवों में भी आसानी से देखी जा सकती है। आबकारी महकमे के अधिकारी खुद इस बात को स्वीकारते हैं। गोदाम की आड़ में खुले रूप से शराब बेचे जाने के ये मामले जिम्मेदारों के ध्यान में तो है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। आखिर कारण क्या होंगे यह आसानी से सोच सकते हैं।

नियमों की आड़ में कायदे ताक पर
सिरोही से सटा मांडवा गांव गोल पंचायत के अधीन है। इस ग्राम पंचायत क्षेत्र में आबकारी महकमे ने गोल गांव में एक दुकान को स्वीकृति दे रखी है। पंचायत क्षेत्र के मांडवा गांव में गोदाम की लोकेशन है, जिसकी जगह बकायदा दुकान संचालित की जा रही है। जिले के अन्य गांवों में भी कमोबेश यही स्थिति है। बकायदा दुकान इंगित करते साइन बोर्ड व काउंटर पर ग्राहकों की आवाजाही भी आसानी से देखी जा सकती है।

इस तरह चलाया जा रहा खेल
दुकान का एक्सट्रा माल रखे जाने के लिए गोदाम लेना आवश्यक हो जाता है। ऐसे में ठेकेदार नियमों के तहत गोदाम की स्वीकृति जारी करवाते हैं, लेकिन गोदाम की लोकेशन दुकान के नजदीक नहीं बल्कि अन्य गांव में रहती है, ताकि गोदाम की आड़ में शराब की रिटेल दुकान चलाई जा सके।

फिर भी आंखें मूंदकर बैठे तो आखिर क्यों
इस सम्बंध में आबकारी महकमे के अधिकारियों से पूछा गया तो सामने आया कि गोदाम की आड़ में दुकानें संचालित किए जाने की इनको पूरी जानकारी है। कायदे ताक पर रखे जाने के बावजूद जिम्मेदारों का इस तरह आंखें मूंदकर बैठे रहना कुछ और ही दर्शाता है।

दुकान हो या गोदाम, कैसे भी शराब बेच सकते है
आबकारी निरीक्षक आशीष शर्मा ने राजस्थान दीप से बातचीत में बताया कि मांडवा में शराब की दुकान चल रही है। पूछा गया कि गोल पंचायत क्षेत्र में कुल कितनी दुकानें हैं तो प्रत्युत्तर मिला कि एक। दुकानों की लोकेशन पूछने पर बताया कि गोल गांव में एक दुकान है और मांडवा गांव में गोदाम स्वीकृत है, जहां शराब बेच सकते है। पूछा गया कि गोदाम में केवल स्टॉक रखने का ही प्रावधान रहता है तो जवाब में मिला कि ठेकेदार ने ठेका उठाया है और सरकारी माल है तो दुकान हो या गोदाम कैसे भी शराब बेच सकते है।

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