
- प्रधानमंत्री के लाइव कार्यक्रम के दौरान ही मंच किया साझा
- भाजपा नेता की हत्या मामले में संदेह के घेरे में है संत भजनाराम
सिरोही. चित्तौडग़ढ़ में भाजपा नेता व व्यापारी रमेश इनाणी हत्या मामले में जिस संत की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है वह गुरुवार को यहां सांसद लुम्बाराम चौधरी व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के साथ मंच साझा करता दिखा। जिस समय प्रधानमंत्री का लाइव कार्यक्रम चल रहा था उस समय भी आरोपी मंच पर मौजूद रहा।
कांट्रेक्ट किलिंग के जरिए व्यापारी की हत्या के मामले में जांच के दौरान पुलिस को दो संतों की भूमिका संदिग्ध मिली है। इसमें से एक चित्तौडग़ढ़ का संत रमताराम व दूसरा सिरोही का संत भजनाराम है। सिरोही का यह संत गुरुवार को सांसद खेल महोत्सव के समापन कार्यक्रम में दिखा। कार्यक्रम में सांसद व पंचायतराज राज्यमंत्री के बगल में संत तीर्थगिरी बैठे रहे तथा इनके पास संत भजनाराम बैठे दिखे। यहां अन्य कई जनप्रतिनिधि एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया।
पास में बैठे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी
प्रधानमंत्री के लाइव कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरसिंह चौहान आए। उनके आगमन पर भाजपा जिला महामंत्री गणपतसिंह राठौड़ ने उन्हें बैठाया भी। उनकी सीट आरोपी संत की लाइन में ही थी। इसी लाइन में एसडीएम हरीसिंह देवल भी बैठे रहे।
अग्रिम पंक्ति में बैठा रहा आरोपी संत
कार्यक्रम में मंच के रूप में निर्धारित अग्रिम पंक्ति में सांसद व राज्यमंत्री के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी, जालोर जिलाध्यक्ष जसराज पुरोहित, पूर्व मंत्री भूपेंद्र देवासी समेत भाजपा के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। आरोपी संत भजनाराम भी इसी लाइन में बैठा रहा।
शूटर व संत को मिलाने में रही भूमिका
ज्ञातव्य है कि गत 11 नवम्बर को चित्तौडग़ढ़ में भाजपा नेता व व्यापारी रमेश इनाणी की दिन-दहाड़े किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। व्यापारी की हत्या के मामले में शूटर मनीष दुबे को पुलिस ने उसी दिन शाम को दबोच लिया था। इस मामले में सुपारी देने वाले संत रमताराम को आरोपी बनाया गया है। जांच के दौरान सामने आया है कि संत रमताराम की शूटर से मुलाकात कराने में सिरोही के संत भजनाराम की अहम भूमिका रही।
अहम सुराग मिलने के बाद बनाया आरोपी
इस मामले में चित्तौडग़ढ़ थाना पुलिस के उप निरीक्षक पारसकुमार ने बताया कि इनाणी हत्या मामले में जांच के दायरे में आने के बाद संत भजनाराम से पूछताछ की गई थी। लेकिन, इसके बाद कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है। उधर, संत रमताराम व सिरोही के संत भजनाराम पर हत्या का आरोप लगने के बाद रामस्नेही सम्प्रदाय ने भी एक फैसला जारी करते हुए इन दोनों को सम्प्रदाय से निष्कासित भी कर दिया है।



