गुजरात में चमचमाती सड़कें और यहां गुजर रहे गिरते-पड़ते

- आदिवासी इलाकों में रास्तों की बदहाली का नजारा
- सड़कों का निर्माण तो हुआ पर ठेकेदारों की मनमर्जी हावी रही
सिरोही. आदिवासी इलाकों में रास्तों की बदहाली का नजारा देखना हो तो गुजरात बॉर्डर से सटे आबूरोड क्षेत्र से बेहतर उदाहरण शायद ही कहीं मिले। महज कुछ किमी आगे गुजरात में जहां चमचमाती सड़कें मिल रही है, वहीं इस क्षेत्र से गिरते-पड़ते गुजरने की मजबूरी बनी हुई है। हालांकि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने यहां सड़कों का निर्माण तो करवाया है, लेकिन ठेकेदारों की मनमर्जी हावी रही। ऐसे में ये सड़कें बन दुखदायी साबित हो रही है। बारिश के दिनों में इन पर चलना मुसीबत का सबब बन रहा है। पिछले दो दिनों से स्थिति इतनी विकट हो रही है कि पर्यटकों के वाहन बीच रास्ते में ही फंस रहे हैं। दुपहिया वाहनों का गुजरना तो काफी मुश्किल हो रहा है। बताया जा रहा है कि अम्बाजी (गुजरात) में मेले के कारण यातायात तो जाम्बूड़ी-देलदर मार्ग से डाइवर्ट कर रखा है, लेकिन इस मार्ग पर समुचित सुविधाएं नहीं है। यहां तक कि मार्ग में फैले कीचड़ व जल निकासी के भी प्रबंध नहीं किए गए। ऐसे में यह लम्बा रास्ता पार करना काफी मुसीबत भरा साबित हो रहा है।

न पंचायत को परवाह और न पीडब्ल्यूडी को
आबूरोड से सटे देलदर गांव में ही स्थिति काफी खराब हो चुकी है। यह गांव आबूरोड शहर से लगभग सटा हुआ ही है, लेकिन रास्ते पर हुआ जल भराव नजर नहीं आ रहा। गांव से होते हुए जाम्बूड़ी जाने वाले मार्ग पर काफी बड़े हिस्से में कीचड़ फैला हुआ है। जल भराव भी है, लेकिन न तो पंचायत की ओर से सफाई करवाई जा रही है और न सार्वजनिक निर्माण विभाग ध्यान दे रहा है।

फिर भी ध्यान नहीं दे रहे
राजस्थान के अंतिम छोर पर बसे आबूरोड से आदिवासी भाखर क्षेत्र के लिए आवाजाही का मुख्य मार्ग यहीं से जाता है। देलदर होते हुए जाम्बूड़ी और वहां से अम्बाजी तक का रास्ता तय करने के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। इस क्षेत्र में आदिवासी लोगों का बसेरा है एवं नजदीकी गांव और शहर के लिए वे इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं, इसके बावजूद आदिवासियों को सड़क सुविधा देने पर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा।
नहीं की व्यवस्थाओं में सुधार की तैयारी
शक्तिपीठ अम्बाजी मंदिर में भादरवी पूनम का मेला चल रहा होने से यातायात को जाम्बूड़ी होते हुए देलदर मार्ग से डाइवर्ट किया गया है। ऐसे में गुजरात व राजस्थान के वे वाहन, जो अम्बाजी होते हुए जा रहे थे उनको अब इस मार्ग से गुजरना पड़ रहा है। मेले की पूर्व तैयारी के मददेनजर यातायात डाइवर्ट की योजना भी बनी होगी, लेकिन इस डाइवर्जन पर व्यवस्थाओं में सुधार लाने की कोई तैयारी नहीं की गई। ऐसे में वाहन चालक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।