पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी के दीयों को मिलेगा प्रोत्साहन, कर वसूली पर रोक के निर्देश
नागौर. दीपावली पर रोशनी सज्जा के लिए लाइट वाली लडियों को कुछ ज्यादा ही पसंद किया जा रहा है। लिहाजा लोगों ने कुछ वर्षों से मिट्टी के दीयों को लगभग उपेक्षित सा कर दिया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दीपावली पर मिटटी के दीए मुस्कुराएंगे और इनका निर्माण करवाने वाले कारीगर भी खुश होंगे। इसलिए कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से नागौर जिला कलक्टर जितेंद्रकुमार सोनी ने एक पहल की है। जिला कलक्टर ने इस सम्बंध में एक आदेश जारी किया है। इससे मिट्टी के दीयों को प्रोत्साहन मिल सकेगा। आदेश में मिट्टी के दीयों की बिक्री को प्रोत्साहित करने की बात कही गई है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के बाजार में दीए बेचने को आने वाले कुम्हार व ग्रामीणों को कोई असुविधा न हो इसका पूर्ण ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नगर परिषद, पालिका व पंचायत क्षेत्रों में इनसे किसी तरह की कर वसूली नहीं करने के भी निर्देश है।
… ताकि असुविधा न हो
जिला कलक्टर ने आदेश जारी कर बताया कि दीपावली पर्व को देखते हुए कुम्हार व ग्रामीण मिट्टी के दीए बनाते हैं तथा स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बिक्री के लिए बाजार में लाते हैं। बाजार आने वाले कुम्हार व ग्रामीणों को कोई असुविधा न हो इसका पूर्ण ध्यान रखा जाएं। इनसे किसी प्रकार की कर वसूली न की जाएं।
वापस पटरी पर आ सकेगा कार्य
मिट्टी के दीयों को प्रोत्साहन नहीं मिलने से कारीगर मायूस रहते हैं। पुश्तैनी कार्य होने से हर सीजन में दीयों का निर्माण तो करते हैं, लेकिन समुचित दाम नहीं मिल पाते। इससे कारीगर सीजन होने पर भी ज्यादा संख्या में दीयों का निर्माण नहीं करते। कई कारीगरों का तो इससे मोह भंग भी हो रहा है, लेकिन जिला कलक्टर के इस आदेश के बाद राहत मिल सकेगी। अन्य जगह भी इसी तरह से काम हो जाए तो पुश्तैनी कार्यों से जुड़े कारीगर अपने धंधों को वापस पटरी पर ला सकते हैं।#Earthen lamps will smile on Diwali, initiative of Nagaur District Collector