- एक दिन पहले ही सीएम सलाहकार कह चुके कायदे टूट रहे
- जब कार्यशैली ही कठघरे में तो जिम्मेदारों पर एक्शन क्यों नहीं
-खरी-खरी
सिरोही. आबकारी विभाग की कार्यशैली कठघरे में हैं। इसलिए कि ठेकों पर नियम-कायदों की कोई पालना नहीं हो रही। जिले में कार्यरत महकमे के अधिकारियों को इसकी जानकारी न हो यह तो हो नहीं सकता। यदि अधिकारी, ठेकों पर चल रहे नियम विरुद्ध कार्यों से अनभिज्ञ है तो यह भी उनकी विफलता ही है। चाहे जो हो, लेकिन आबकारी महकमे के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर रहे। ऐसा इसलिए कि जिले की सबसे बड़ी पंचायत में भी महकमे की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग चुका है। जिला परिषद की सामान्य बैठक में सदस्य ने शराब की अवैध बिक्री रोकने एवं निर्धारित दर से ज्यादा दाम नहीं लिए जाने की बात उठाई। एक दिन पहले ही सीएम सलाहकार खुद कह चुके हैं कि ठेकों के पास ही बैठकर शराब पी जाती है। पुलिस-प्रशासन को इसे रोकने के लिए कहा।#rajexcise
बेपरवाही पर सख्त एक्शन तो होना ही चाहिए
गैर जिम्मेदाराना रवैये पर सम्बंधित अधिकारी पर भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन सिरोही में ऐसा नहीं हो रहा है। यदि होता तो जनप्रतिनिधियों को भरी बैठकों में इस तरह से विभागीय कार्यशैली पर अंगुली उठाने की नौबत नहीं आती। वैसे सीएम सलाहकार खुद कायदा टूटने की बात कह रहे हैं, लिहाजा बेपरवाही पर सख्त एक्शन तो होना ही चाहिए।#Sirohi- Excise department’s working style in the dock
अक्षम साबित हो रहे अधिकारी
वैसे लगभग हर बैठक में इसी तरह के मामले उठ रहे हैं, लेकिन महकमे के अधिकारी चुप्पी साधे ही बैठे हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी तक कोई निर्धारित नहीं की जा रही। विभागीय स्तर पर भले ही इनको टास्क मिल रहा हो, लेकिन कायदों की पालना करवाने में अक्षम साबित हो रहे हैं।
मुद्दे उठते हैं पर कार्रवाई नहीं, आखिर क्यों
जिला परिषद की सामान्य बैठक में सदस्यों ने विभिन्न समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया। इस बैठक में भी सदस्यों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों पर अंगुली उठाई। जिले के आला अधिकारियों के समक्ष हर बार इसी तरह के मुद्दे उठते हैं, लेकिन आबकारी अधिकारियों पर न तो कोई एक्शन हो रहा है और न ठोस कार्रवाई, आखिर क्यों।
अवैध बिक्री पर रोक लगाने की मांग
जिला परिषद की बैठक में सदस्य किरण राजपुरोहित ने आबकारी विभाग की कार्यशैली को कठघरे में लिया। उन्होंने शराब की दुकानों के ग्राम पंचायतवार आवंटन की जानकारी ली। साथ ही शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगाने की बात कही। उपभोक्ताओं से अधिक राशि नहीं लेने तथा निर्धारित दर का चार्ट चस्पा किए जाने की बात रखी।
मुददे उठते रहेंगे और ठेकेदार मौज उड़ाते रहेंगे
जाहिर सी बात है जिले की समस्याओं को लेकर जो मुददे उठते हैं उन पर कार्रवाई जरूरत होती, लेकिन आबकारी महकमे की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं इसके बावजूद न तो अवैध बिक्री रूक रही है और न ज्यादा दाम लिए जाने पर अंकुश लग रहा है। ठेकों के पास बैठकर शराब पीने का सिलसिला भी बदस्तूर बना हुआ है। कायदों की हर तरह से धज्जियां उड़ रही है, लेकिन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में हम क्या मान ले कि मुद्दे यूं ही उठते रहेंगे और जिम्मेदारों की शह पर ठेकेदार मौज उड़ाते रहेंगे।