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प्रदेश का सबसे बड़ा घास बीड़ जोड़ बनेगा विकसित चारागाह

  • अब वाड़ाखेड़ा जोड़ में स्वच्छंद विचरण कर सकेंगे वन्य जीव
  • वन क्षेत्र के विकास को राज्य सरकार ने स्वीकृत किया बजट

सिरोही. प्रदेश के सबसे बड़े घास बीड़ जोड़ वाड़ा खेड़ा (WADAKHEDA_SIROHI) में चारागाह विकसित हो सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने लगभग सवा तीन करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। सिरोही में आम्बेश्वरधाम से सटे इस वाड़ा खेड़ा जोड़ में मृग समेत अन्य कई वन्य जीव हैं। चारागाह विकसित होने पर वन्यजीवों को सहूलियत मिलेगी। इस बजट से जोड़ में चारागाह विकास, जलस्रोत के लिए एनीकट, कंटीली झाडिय़ों का उन्मूलन जैसे कार्य करवाए जाएंगे।

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कृष्ण मृगों का भी है बसेरा
मालूम हो कि इस जोड़ में काले मृगों (BLACK BUCK) का भी बसेरा है। इनके साथ ही नील गाय, मोर समेत अन्य कई वन्यजीव है। समीपवर्ती अन्य वन क्षेत्रों से भालू, तेंदुआ (panther) व अन्य वन्य जीवों का भी इस जोड़ में अक्सर आवागमन रहता है। लिहाजा जोड़ के विकास से वन्यजीवों का कुनबा बढऩे की प्रबल संभावना है।

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हटाई जाएगी कंटीली झाडिय़ां
बजट घोषणा के तहत मुख्यमंत्री (CM_ASHOK GEHLOT) ने तीन करोड़ 15 लाख रुपए आवंटित किए है। इसके तहत वन क्षेत्र में कई कार्य करवाए जाएंगे। जोड़ में बेतरतीब ढंग से फैले बबूल को नष्ट करवाया जाएगा। वन विभाग की ओर से बबूल की झाडिय़ां जड़ से हटवाकर चारागाह विकसित किया जाएगा। बरसाती पानी के संचय के लिए एनीकट बनाया जाएगा।#Sirohi. Under the budget announcement Chief Minister Ashok Gehlot allocated three crore 15 lakh rupees in the state’s largest grass seed joint Wada Kheda.

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बगैर चारदीवारी असुरक्षित हैं वन्यजीव
विभागीय जानकारी के अनुसार वाड़ा खेड़ा जोड़ करीब 27 हजार बीघा भूमि में फैला हुआ है। इसमें बबूल की झाडिय़ां बहुतायत में हैं। इससे वन्यजीवों को नुकसान होता है। पूरे जोड़ को कवर्ड करने वाली चारदीवारी तक नहीं है, जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा पर जोखिम रहता है। हालांकि फोरलेन बनने पर कुछ हद तक चारदीवारी बन चुकी है, लेकिन जोड़ का अधिकतर हिस्सा बिना चारदीवारी का ही है।
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