- प्रस्तावित खनन परियोजना को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त रोष
- भारजा, भीमाना व वाटेरा में परियोजना के विरुद्ध प्रस्ताव पारित
सिरोही. पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना को लेकर लोगों का आक्रोश थम नहीं रहा। भारजा ग्राम पंचायत में शुक्रवार को आयोजित विशेष ग्राम सभा में प्रतिदिन रात्रि चौपाल आयोजित किए जाने का निर्णय किया गया। साथ ही इस जन विरोधी खनन परियोजना को लेकर एकजुट रहने की भी हुंकार भरी। क्षेत्र के भारजा, भीमाना व वाटेरा में ग्राम पंचायतों में परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से ग्रामीणों की मांग पर कोई विचार नहीं किया जा रहा। इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
ग्रामीण बोले, घातक साबित होगी परियोजना
पिण्डवाड़ा तहसील क्षेत्र में मै. कमलेश मेटाकास्ट को चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित की गई है। ग्रामीण इसका विरोध जताते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को भारजा ग्राम पंचायत में विशेष ग्राम सभा हुई। अध्यक्षता सरपंच प्रतिनिधि पुखराज प्रजापत ने की। ग्रामीणों ने एक स्वर में परियोजना को ग्राम के सामाजिक, पर्यावरणीय और आजीविका हितों के लिए घातक बताते हुए कड़े शब्दों में विरोध किया।
खनन से गांवों का अस्तित्व मिट जाएगा
ग्राम सभा में भारी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी रही। ग्रामीणों ने कहा कि खनन से आदिवासी क्षेत्र के इन गांवों का अस्तित्व ही मिट जाएगा। इससे भारी नुकसान होने का अंदेशा है। यह परियोजना किसी भी हाल में ग्रामीणों को स्वीकार नहीं है। ग्राम सभा ने सर्वसम्मति से खनन परियोजना को निरस्त करने के प्रस्ताव पारित किए। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भीमाना व वाटेरा में भी खनन परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित हो चुके हंै। ग्राम विकास अधिकारी प्रभुराम दाणा समेत कई लोग उपस्थित रहे।
आक्रोशित ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप
ग्रामीणों ने ग्राम सभा में निर्णय लिया कि जब तक खनन परियोजना निरस्त नहीं होती तब तक गांव में प्रतिदिन रात्रि चौपाल आयोजित की जाएगी। इसमें ग्रामीण सामूहिक रूप से आगे की रणनीति तय करेंगे। उधर, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गुरुवार रात रोहिड़ा थाना पुलिस ने ग्रामीणों की बैठक रोकने का फरमान सुनाया। ग्रामीणों का कहना है कि शांति से गांव के हितों पर चर्चा कर रहे थे इस दौरान पुलिस ने बैठक रोकने का प्रयास किया। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से भी बातचीत की। वहीं, पुलिस की दखलंदाजी से ग्रामीणों में आक्रोश नजर आया।



