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सेई-जवाई परियोजना की गति धीमी, भैंसासिंह भी अटकी

  • जल संसाधन मंत्री से परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने का अनुरोध

सिरोही. सेई-जवाई समेत जिले की महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं का कार्य धीमी गति से चल रहा है। भैंसासिंह बांध परियोजना में तो एक ईंट तक नहीं रखी गई। ऐसे में निर्धारित समयावधि में लोगों तक पानी पहुंचना मुश्किल लग रहा है। इस सम्बंध में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने अजमेर प्रवास के दौरान जल संसाधन मंत्री से सुरेशसिंह रावत से मुलाकात की तथा जवाई क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं में तेजी लाने की मांग की।

पूर्व विधायक ने बताया कि सेई बांध के अधिशेष जल को जवाई बांध तक पहुंचाने वाली टनल परियोजना 2020 में स्वीकृत हुई थी। 100 करोड़ रुपए की इस परियोजना का लक्ष्य टनल की गहराई 4 मीटर करना और क्षमता 34 एमसीएफटी से बढ़ाकर 75 एमसीएफटी करना था। कार्य 2021 में शुरू होकर 15 सितंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अब तक मात्र 60 प्रतिशत कार्य ही हो सका है। उधर, भैंसासिंह बांध परियोजना का वर्क ऑर्डर वर्ष 2023 में जारी हो चुका था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।

पौने दो वर्ष में कोई खास प्रगति नहीं
पूर्व विधायक ने बताया कि बजट वर्ष- 2022-23 में उदयपुर जिले की कोटड़ा तहसील में चाक एवं भुज सांडमारिया बांध निर्माण की घोषणा हुई थी। 2554.23 करोड़ रुपए की इस परियोजना का वर्क ऑर्डर 10 जुलाई 2023 को जारी कर शिलान्यास भी कर दिया गया था। सेई, बुजा और साबरमती बांधों से टनल के माध्यम से पानी जवाई बांध तक पहुंचाने की योजना प्रस्तावित है, लेकिन वर्तमान सरकार के लगभग पौने दो वर्ष में इस परियोजना पर कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो पाई।

… ताकि पर्यटन व रोजगार बढ़ सके
उन्होंने जल संसाधन मंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग की कुल 2405 बीघा भूमि का नामांतरण ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के नाम कर दिया है, जिसमें जवाई क्षेत्र की 418 बीघा भूमि भी शामिल है। उन्होंने आग्रह किया कि यह भूमि जवाई बांध क्षेत्र में पर्यटन परियोजनाओं के रूप में विकसित की जाएं, ताकि क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार दोनों बढ़ सकें।

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