
- आखिर भाजपा की चुप्पी टूटी, पूर्व विधायक से मांगे जवाब
सिरोही. आखिर दस दिन बाद भाजपा की चुप्पी टूटी। यहां मीडिया से रूबरू हुए दो महामंत्री व प्रवक्ताओं ने पूर्व विधायक संयम लोढ़ा को कठघरे में खड़ा करते हुए सवाल रखा कि रामझरोखा मंदिर की भूमि पर यदि गलत रूप से पट्टे बने हैं तो हमने जांच के आदेश दे दिए है, लेकिन आपके कार्यकाल में महामंदिर व रामद्वारा की भूमि के टुकड़े टुकड़े हो गए तब चुप क्यों थे।
यहां सर्किट हाउस में गुरुवार को भाजपा जिला महामंत्री गणपतसिंह राठौड़, नरपतसिंह राणावत, प्रवक्ता गोपाल माली व राजेंद्र सोलंकी ने बताया कि पूर्व विधायक जनाधार खो चुके हैं इसलिए यह उनकी बौखलाहट है। राम झरोखा मंदिर के पीछे की जमीन के पट्टा मामले में राज्यमंत्री व उनके पुत्र पर तथ्यहीन व आधारहीन आरोप लगाना गलत है। राज्यमंत्री व सांसद ने पूर्व में ही जिला कलक्टर को पत्र लिखकर पट्टों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई एवं पट्टे गलत जारी हुए है तो निरस्ती के आदेश भी दिए हैं। वहीं, पूर्व विधायक पर आरोप लगाया कि राम मंदिर की लीज के समय वे सत्ता में थे तब मौन क्यों रहे। वर्ष-2021 में अरिहंत हॉस्पिटल, 2022 में उपसभापति जितेंद्र सिंघी के नाम हुई लीज एवं रामद्वारा की 1948 वर्गमीटर भूमि के टुकड़े-टुकड़े हुए तब वे चुप क्यों रहे। पूर्व विधायक को आरएसएस व सनातन विरोधी बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कालंद्री में शनि धाम की दीवार तोड़ी गई, चांदना गांव व आबूरोड में हनुमान मंदिर तोड़े गए। विरोध करने वालों पर बल प्रयोग व मुकदमे दर्ज किए गए। शिवगंज पालिका व सिरोही नगर परिषद में किए गए भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर भी पूर्व विधायक पर आरोप लगाए गए।
शिवगंज में शून्य किए पट्टे, सिरोही में रिश्तेदारों की खरीद
पत्रकारों से बातचीत में बताया गया कि कांग्रेस राज के दौरान शिवगंज नगर पालिका व सिरोही नगर परिषद में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। मनमर्जी से पट्टे बांटे गए तथा आगे से आगे रजिस्ट्री कर लाभ उठाया गया। शिवगंज में प्रस्ताव पारित कर 186 पट्टे शून्य किए गए हैं। इसी तरह सिरोही के सम्पूर्णानंद कॉलोनी में स्टेट ग्रांट के तहत पटटा जारी कर कुछ ही दिनों बाद सभापति के रिश्तेदारों ने खरीद लिया। इस पर अब व्यवसायिक कॉम्पलेक्स बन रहा है।
राज्यमंत्री व उनके पुत्र पर लगाए थे आरोप
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राज्यमंत्री ओटाराम देवासी व उनके पुत्र विक्रम देवासी पर लेन-देन के आरोप लगाए थे। कहा था कि राज्यमंत्री की सिफारिश पर पट्टे बनाए गए हैं। सांसद लुम्बाराम चौधरी पर भी यूरिया की किल्लत समेत किसानों की अन्य मांगें पूरी नहीं होने को लेकर आरोप लगाए गए।



