
- थानों में पीडि़तों के सहयोगी रहेंगे स्वागत कक्ष
सिरोही. पुलिस थानों में जाते हुए लोग घबराहट होती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फरियादियों को बेहतर माहौल देने के लिए थानों में स्वागत कक्ष बनाए जा रहे हैं। सिरोही जिले के रेवदर थाने में नवनिर्मित स्वागत कक्ष का लोकार्पण किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा, स्टेट मोटर गैराज विभाग व गृह एवं न्याय राज्यमंत्री राजेन्द्रसिंह यादव रहे।
उन्होंने कहा कि जन समस्याओं पर काफी मंथन के बाद मुख्यमंत्री ने थानों में स्वागत कक्ष निर्माण करने का निर्णय लिया है, ताकि थानों में अच्छा वातावरण हो। परिवादी आराम से बैठकर अपनी समस्या से अवगत करवा सके। लगभग सभी थानों में स्वागत कक्ष बन चुके हैं। मुख्यमंत्री की मंशा है कि पुलिस और समाज मिल कर आपसी भाईचारे का वातावरण निर्मित करे। उन्होंने कहा कि पुलिस का नाम आते ही आमजन के मन में घबराहट होने लगती है, इस तरह का माहौल न होकर आमजन में विश्वास रहे और अच्छा वातावरण रहे इसके लिए पुलिस स्वागत कक्ष निर्माण किए गए हैं।
अधिकारियों से दबे नहीं, बात कहे
राज्यमंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस विषम परिस्थितियों में काम करती है। यह धारणा बन गई है कि पुलिस चाहे तो हर कार्य संभव हो सकता है। मेरा मानना है कि प्रयासों में कहीं कमी नहीं रहती। आज की परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस का सहयोग करना चाहिए। जहां लगता है कि पुलिस में कोई कमी है तो उच्चाधिकारियों से दबने के बजाय उच्चाधिकारी को इत्तला दे तथा कमी से अवगत करवाते हुए सुधार का आग्रह करे। समय रहते हर चीज को सुधारा जा सकता है।
अपराध रूके और ईमानदारी से जांच हों
उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे मन एवं लगन से काम करे। प्रदेश सरकार ने कहीं पर भी कमी नहीं आने दी है। अपराध रूके और ईमानदारी से जांच हो तथा समय के साथ कोर्ट में मुकदमें जाए, इसके प्रयास चल रहे हैं। पिछले तीन साल में जांच व कोर्ट में जाने का समय 132 दिन से घटकर 83 दिन पर आ गया है। महज मॉनिटरिंग से यह संभव हो पाया है। हमारा प्रयास है कि यह और घटकर 60 दिन पर आए।
अब सीधे पुलिस में दर्ज होती है एफआईआर
समारोह के दौरान विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि थानों में मुकदमें दर्ज नहीं होने एवं फरियाद का रिकॉर्ड नहीं रखने की शिकायत आम थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। फरियादी थानों में जमीन पर बैठते थे। इसे समझते हुए यह एक सम्मानजनक व्यवस्था शुरू की गई है। लोग कोर्ट में मुकदमें दर्ज करवाते थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने पहल की और एफआईआर हर हालत में दर्ज करने और न करने पर एसपी कार्यालय के यहां एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की। इसका यह परिणाम आया कि राजस्थान में कोर्ट के जरिए 27 प्रतिशत मुकदमें दर्ज होते थे वह आंकड़ा घटकर 16 प्रतिशत पर आ गया। इस प्रक्रिया में हर फरियादी को परिवाद की रसीद मिलेगी और उनकी जानकारी दर्ज की जाएगी।
… ताकि पुलिस की कार्यप्रणाली बेहतर बन सके
विधायक संयम लोढ़ा ने राज्यमंत्री से नवाचार किए जाने का आग्रह किया। इसके तहत बताया कि पुलिस काफी दबाव में काम करती है और पुलिस का काम राउड द क्लॉक होता है। कई बार इस तरह के प्रकरण हो जाते है जो जन आक्रोश का रूप ले लेते है तब भी दबाब बढ़ जाता है। यह बहुत जरूरी है कि पुलिस के कार्मिक ढंग से काम कर सके इसके लिए उनकी नियमित हर छह माह में कॉउंसलिंग होनी चाहिए। इससे मानसिक दबाव, मानसिक कठिनाई, पारिवारिक दबाव आदि से वे बाहर आ सके और जनसेवा में ढंग से समय दे सके। कांस्टेबल को बेहतर अवसर देने के प्रबंध होने चाहिए। उच्च शिक्षा प्राप्त कांस्टेबल के लिए भी उचित अवसर हो तो पुलिस की कार्य प्रणाली को और जनोपयोगी बनाने में सहयोग मिल सकेगा।
जिले के दो थानों में स्वागत कक्ष
समारोह में जिला कलक्टर डॉ.भंवरलाल व पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नवाचार योजना के तहत स्वागत कक्ष बनने से परिवादियों को बैठने की जगह मिलेगी यह अच्छा कदम है। जिले के दो पुलिस थानों में स्वागत कक्ष का लोकार्पण किया जा रहा है। एएसपी देवेंद्रकुमार, जिला परिषद सदस्य हरीश चौधरी, संध्या चौधरी, निम्बाराम, महावीरसिंह, दशरथसिंह, रेवदर उपखंड अधिकारी रामजीभाई कलबी, नायब तहसीलदार जगदीशकुमार, मोतीराम कोली समेत कई लोग मौजूद रहे।#Sirohi. built Reception hall in reodar Police Station