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वारंटी अवधि में मोबाइल खराब, देना पड़ेगा हर्जाना

  • जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कंपनी का सेवादोष
    सिरोही. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग फैसला सुनाते हुए मोबाइल कंपनी पर हर्जाना लगाया है। पीडि़त को नया मोबाइल देने या ली गई राशि लौटाने के भी आदेश जारी किए हैं।

अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी मुक्ति दवे ने अप्राथी मै. विक्रम मोबाइल से सैमसंग कम्पनी का एक मोबाइल गेलेक्सी जे-7प्रो की खरीद 19 हजार 500 रुपए में की थी। इसकी एक वर्ष की वारंटी कम्पनी की ओर से दी गई। परिवादी ने अपना मोबाइल बैटरी लो होने पर रात को चार्जिंग में लगाया हुआ था, जो कुछ समय बाद चार्जिंग से निकालने पर देखा तो मोबाइल की स्क्रीन खराब हो चुकी थी। इस पर परिवादी ने दूसरे दिन अप्रार्थी के यहां लेकर चेक करवाया तो अप्रार्थी ने कहा कि इसे सर्विस सेंटर भेजना पड़ेगा। इसके बाद उसने बिल की फोटोकॉपी व मोबाइल ले लिया। कुछ दिन बाद अप्रार्थी ने कहा कि उसे कहीं बाहर भेजना पड़ेगा। बाद में अप्रार्थी ने यह कर मोबाइल वापस लौटा दिया कि कम्पनी का कोई फॉल्ट नहीं है, मोबाइल आपकी स्वयं की गलती से खराब हुआ है इसलिए स्क्रीन बदलने के पांच हजार रुपए देने होंगे। मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मलारखान मंगलिया, सदस्य रोहित खत्री व उज्जवल सांखला ने की।

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यह कृत्य सेवा में भारी कमी
परिवादी ने सेमसंग कम्पनी की रेपुटेशन को ध्यान में रखते हुए व मोबाइल उच्च क्वालिटी का होने पर खरीद किया था, लेकिन अप्रार्थी की ओर से वारंटी पीरियड होने के बावजूद न तो मोबाइल बदल कर दिया न ही ठीक किया। अप्रार्थी का यह कृत्य सेवाओं में भारी कमी को दर्शाता है।

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नोटिस के बावजूद अनुपस्थित रहा
वहीं, अप्रार्थी विक्रम मोबाइल नोटिस तामिल होने के बावजूद अनुपस्थित रहा। बहस के दौरान, अप्रार्थी सैमसंग कम्पनी अधिवक्ता ने तर्क किया कि परिवादी के सैमसंग मोबाइल की स्क्रीन खराब होने पर एक बार भी सर्विस सेंटर नहीं आया। न ही परिवादी ने तकनीकी खराबी के लिए सर्विस सेंटर में सम्पर्क किया। जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों में अप्रार्थी की ओर से परिवादी को संतोषजनक सेवा नहीं देने के कारण सेवा में कमी कारित की है।

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आयोग ने सुनाया यह फैसला
आयोग ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अप्रार्थी का यह कृत्य एवं व्यवहार सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार माने जाने योग्य है। परिवादी को खराब मोबाइल वारंटी समयावधि में ठीक करने या बदलकर नहीं दिए जाने का नैतिक कर्तव्य एवं दायित्व के विपरित तर्क मानते हुए सेवा में कमी कारित की है। अप्रार्थी को संयुक्त या पृथक-पृथक तौर पर सैमसंग मोबाइल की कीमत 19,500 रुपए रिफंड करने या उसी कीमत का नया मोबाइल परिवादी को देवे तथा मानसिक संताप व परिवाद व्यय के रूप में एकमुश्त 5 हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया गया।#sirohi. Mobile damaged during warranty period, will have to pay damages, District Consumer Commission admits the company’s fault

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