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अवकाश रद्द किए तो मेडिकल लीव ले ली, एक्शन अब भी नहीं

  • प्रभारी सचिव बोले, आदेशों की अवहेलना करने वालों पर करेंगे कार्रवाई

सिरोही. आपदा की स्थिति में चिकित्सकों की आवश्यकता थी, लेकिन अवकाश रद्द होने पर भी चिकित्सक लौटकर नहीं आए। यहां तक कि मेडिकल लीव लेकर चले गए। अधिकारियों ने इनके मेडिकल लीव की जांच करवाने का हवाला दिया, लेकिन अभी तक शायद कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस सम्बंध में सिरोही दौरे पर आए प्रभारी सचिव इंद्रजीतसिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वाले कार्मिकों पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी। आपदा के दौरान अवकाश रद्द करने पर भी अस्पताल से नदारद रहे चिकित्सकों के मामले में उन्होंने जिला कलक्टर से बात करने एवं सम्बंधितों पर लीगल एक्शन की बात कही।

जिला कलक्टर से भी बात करेंगे
सिरोही में अधिकारियों की समीक्षा बैठक के तत्काल बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वालों पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी। उनसे पूछा गया कि आपदा के दौरान जब कार्मिकों के अवकाश रद्द किए गए तो जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक मेडिकल लीव लेकर चले गए। इन पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर प्रभारी सचिव ने बताया कि इस सम्बंध में वे जिला कलक्टर से बात करेंगे।

काम पर नहीं लौटे छह चिकित्सक
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत-पाक के बीच तनाव को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सभी कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी थी। साथ ही अलर्ट मोड में रहने के आदेश जारी किए, लेकिन जिला अस्पताल में लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे छह चिकित्सक काम पर नहीं लौटे। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने उस समय भी यही कहा था कि इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है।

लीव की जांच के लिए बैठाना था मेडिकल बोर्ड
आपदा के दौरान अवकाश रद्द किए गए तो जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक अलग-अलग समयावधि के लिए मेडिकल लीव पर जाना बताया गया। इस बारे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया था कि इन चिकित्सकों के मेडिकल लीव की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश दिए गए है, लेकिन इनके विरुद्ध क्या एक्शन हुआ कोई जानकारी नहीं है।

अवकाश रद्द किया तो मेडिकल लीव डाली
तत्कालीन समय में पीएमओ डॉ.वीरेंद्र महात्मा से मिली जानकारी के अनुसार डॉ. धनराज चौधरी 2 मई से 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर जाना बताया गया। वहीं, डॉ. प्रदीप चौहान व डॉ. उषा चौहान अवकाश पर चल रहे थे, लेकिन आपातकालीन स्थिति में अवकाश रद्द किए गए तो 6 मई को 22 दिन की मेडिकल लीव डालकर अवकाश पर जाने की बात कही गई।

राज्यमंत्री भी दे चुके हैं कार्रवाई के निर्देश
आपातकालीन स्थिति के तत्काल बाद ही पंचायतराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक ली थी, उसमें भी यह मुद्दा उभर कर सामने आया था। राज्यमंत्री ने इस सम्बंध में कार्रवाई के लिए जिला कलक्टर को निर्देशित किया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। वैसे बताया जा रहा है कि तीन में से दो चिकित्सक मेडिकल लीव लेकर विदेश ट्यूर पर गए थे। यदि यह सही है तो मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच का हवाला देते हुए लीपापोती करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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