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एनएच अधिकारियों पर जताई नाराजगी, जिला प्रमुख ने पूछा कब सुधरेंगे सडक़ के हालात

  • आखिर जिला प्रमुख को पूछना पड़ा, कब सुधरेंगे सडक़ के हालात
  • रेवदर-मंडार मेगा हाईवे बदहाल स्थिति को लेकर लिखा पत्र
  • बैठकों से नदारद रहे अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग

सिरोही. रेवदर-मंडार मेगा हाईवे बदहाल स्थिति को लेकर जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सडक़ मरम्मत सम्बंधी जानकारी मांगी है। साथ ही बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए भी लिखा गया है।

जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित ने उपमुख्यमंत्री दीयाकुमारी, निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता व एनएचएआई के मुख्य अभियंता सतीशकुमार को पत्र लिखकर सिरोही से मंडार तक मेगा हाईवे की मरम्मत के लिए अब तक खर्च की गई राशि तथा अन्य जानकारी से अवगत करवाने के सम्बन्ध में पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि जिला परिषद की साधारण सभा की बैठकों में नेशनल हाईवे के अधिकारी लगातार नहीं आ रहे हैं, जिससे सदस्यों में गहरी नाराजगी है। सरकारी बैठकों में नहीं आना व फोन नहीं उठाना कार्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना कृत्य बताते हुए सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर अवगत करवाने की बात कही है।

कब तक गड्ढा विहीन होगा मेगा हाईवे
उन्होंने इस मार्ग की मरम्मत के लिए नेशनल हाईवे खंड जोधपुर ने कितनी राशि कब खर्च की है इसकी जानकारी चाही है। साथ ही इस मेगा हाईवे को गड्ढों से कब तक मुक्त किया जा सकेगा इसकी सूचना आवश्यक रूप से भिजवाने की बात कही है। इस मार्ग के लिए नई डीपीआर बनाने के लिए वर्क ऑर्डर दिया गया है या नहीं और इसका एलाइनमेंट की ड्राइंग की सक्षम स्तर से अनुमोदित हुई या नहीं की जानकारी देने तथा यदि ड्राइंग अनुमोदित हुई हो तो ड्राइंग भिजवाने के लिए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित करने की बात भी कही है।

हमने उठाया था सडक़ का मुद्दा
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दीप ने इस सम्बंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए हैं। इसमें बताया था कि इस मेगा हाईवे की मरम्मत के लिए सालभर पहले करीब पांच करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन महज कुछ जगह पेचवर्क कर इतिश्री कर ली गई। इस मार्ग पर सांसद व जिला प्रमुख भी रोज ही आवागमन करते हैं, लेकिन सुधार को लेरक ध्यान नहीं दिया जा रहा। समाचारों में बताया कि एनएच अधिकारी जिला परिषद की बैठकों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

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