निर्माणाधीन फैक्ट्री में हौज की खुदाई करते हादसा, मासूम समेत पांच की मौत
- मजदूर पिता के पास हौज में खेल रही थी तीन वर्षीय बालिका, मिट्टी व मलबा ढहने से अंदर ही दब गए
जालोर. रीको थर्ड फेज में हौज बनाते समय मिट्टी व मलबा ढहने से पांच जनों की मौत हो गई। इनमें चार मजदूर एवं एक तीन वर्षीय मासूम भी है, जो मजदूर पिता के पास अंदर खेल रही थी। हौज के लिए गड्ढा खोदने का कार्य निर्माणाधीन ग्रेनाइट फैक्ट्री में चल रहा था।
कोतवाल लक्ष्मणसिंह चम्पावत ने बताया कि रीको एरिया में ग्रेनाइट फैक्ट्री का निर्माण कार्य चल रहा है। इस दौरान हौज खुदाई के लिए गहरा गड्ढा खोदा जा रहा था। इसमें कुछ मजदूर कार्यरत थे। एक मजदूर के पास उसकी तीन वर्षीय बालिका भी खेल रही थी। इस दौरान एक तरफ की दीवार अंदर ढह गई, जिससे ये सभी लोग मिट्टी व मलबे में दब गए। हादसे के बाद आसपास के लोग भी आए तथा सहायता की। लोडर मशीन से मिटटी बाहिर निकाली गई तथा अंदर दबे लोगों को अस्पाल ले गए। जिला अस्पताल में जांच के बाद पांच जनों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इनमें कांकरी ढाणी जालोर निवासी विक्रमकुमार पुत्र हीराराम भील, रेवत निवासी दिनेशकुमार पुत्र लुकाराम भील, खरोली (बारां) निवासी सुरमसिंह पुत्र नंदलाल आदिवासी, उसकी तीन वर्षीय पुत्री अनुष्का व बिल खेड़ा (बारां) निवासी जानकीलाल पुत्र तेजाराम आदिवासी शामिल है। जिला कलक्टर नमृता वृष्णि, एसपी श्यामसिंह समेत पुलिस व प्रशसनक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे तथा जायजा लिया। #Accident in under construction granite factory, five including innocent died in jalore
काल बन कर ढकी मिट्टी
बताया जा रहा है कि खुदाई के दौरान यह मासूम भी अपने पिता के पास खेल रही थी। इस दौरान ऊपर से ढही मिट्टी मानों काल बनकर आई। उसे क्या पता था कि यह उसका अंतिम खेलना होगा। हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। लोग दिलासा दे रहे थे, लेकिन एक साथ इतनी मौतों के कारण आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे।
टी ब्रेक होने से बाहर आए, जो बच गए
फैक्ट्री के पीछे की तरफ ग्रेनाइट स्लरी डालने के लिए हौज खोदा जा रहा था। कार्य के दौरान टी ब्रेक होने से कुछ मजदूर बाहर आ गए तथा चार जने अंदर ही चाय पी रहे थे। एक की बेटी भी कुछ देर खेलने के लिए अंदर आ गई थी। इस दौरान पीछे की फैक्ट्री की दीवार मिट्टी के साथ ढह गई। दीवार के सहारे रखे ग्रेनाइट के स्लेब्स भी रखे हुए थे, जो मिटटी के साथ ही अंदर गिरे। मिट्टी व पत्थरों के नीचे दबने से इन सभी की मौके पर ही मौत हो गई। टी ब्रेक के कारण अन्य मजदूर बाहर आ गए थे, अन्यथा हादसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती थी।