मकान निर्माण करते मजदूरों पर गिरी दीवार, एक की मौत, तीन घायल
- बगैर अनुमति बन रहा था मकान, मूकदर्शक बनी रही पंचायत
- गांवों में चल रहे अवैध निर्माणों के बावजूद जिम्मेदार बेपरवाह
सिरोही/सरूपगंज/रोहिड़ा. वासा गांव में मकान का निर्माण करते समय पुरानी दीवार मजदूरों पर गिर गई। हादसे में एक महिला श्रमिक की मौत के समाचार है। वहीं, अन्य तीन मजदूर घायल हो गए। इनको अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि भवन का निर्माण बगैर किसी अनुमति करवाया जा रहा था। सरपंच ने भी यह बात स्वीकारी है, लेकिन गांव में चल रहे इस अवैध निर्माण को लेकर पंचायत ने अभी तक क्या कार्रवाई की थी इस बात का किसी के पास जवाब नहीं है। माना जा रहा है कि जिलेभर में इस तरह के अवैध निर्माण कार्य संचालित है। जाहिर है ग्राम पंचायतों की मिलीभगत के बगैर यह चल भी नहीं सकता। ऐसे में जिम्मेदारों की बेपरवाही में इस तरह के हादसे भी हो रहे हैं।#SIROHI_ROHIDA.One worker died, three injured due to wall collapse while building a house
हादसे में इनकी मौत और ये हुए घायल
जानकारी के अनुसार वासा (VASA_ROHIDA) गांव में धीरजलाल त्रिवेदी के मकान का निर्माण करवाया जा रहा था। इस दौरान ठेकेदार बाबूलाल पुत्र हिमाराम प्रजापत व प्रकाश पुत्र शंकरलाल प्रजापत कार्य करवा रहे थे। अचानक ही पुरानी दीवार ढहने से मौके पर कार्यरत ठेकेदार प्रकाशकुमार प्रजापत, लादूराम पुत्र बाबूराम प्रजापत, श्रमिक सदीदेवी पत्नी प्रेमाराम व गीतादेवी पत्नी पूनाराम मेघवाल मलबे में दब गए। आसपास के ग्रामीणों ने इनको मलबे से बाहर निकाला, लेकिन गीतादेवी मेघवाल की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य घायलों को रोहिड़ा में प्राथमिक उपचार के बाद रैफर कर दिया गया।
परिजनों ने लगाया लापरवाही से निर्माण का आरोप
उधर, सूचना मिलते ही तहसीलदार मादाराम मीणा, पुलिस उप अधीक्षक जेठूसिंह करणोत, उप तहसीलदार नारायणराम देवासी, सरपंच प्रभुराम हीरागर, ग्राम विकास अधिकारी हंसाराम प्रजापत, आरआई अर्जुनसिंह, पटवारी संदीपसिंह आदि मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने इस तरह के हादसे को लेकर रोष जताया। मृतका के परिजनों ने ठेकेदार पर लापरवाही से निर्माण करवाने का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग रखी।
मुआवजा दिलाने पर अड़े परिजन
मृतक महिला श्रमिका शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा। परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों ने परिजनों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। उधर सरपंच प्रभुराम हीरागर ने बताया कि भवन निर्माण के बारे में कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी और कोई आवेदन नहीं आया था।