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जनता जार-जार रो रही और जनप्रतिनिधि जीम रहे लड्डू

  • ग्रामीणों ने सांसद, विधायक व प्रधान को लिया आड़े हाथ
  • प्रस्तावित खनन परियोजना को निरस्त कराए जाने की मांग

सिरोही. पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना को निरस्त कराए जाने की मांग कर रहे ग्रामीणों ने अजारी में धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया। गांव स्थित मार्कंडेश्वरधाम में भाजपा की ओर से आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान खनन परियोजना की जद में आ रहे चार ग्राम पंचायतों के सैकड़ों लोगों ने यहां आक्रोश प्रकट किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े सांसद लुम्बाराम चौधरी, विधायक समाराम गरासिया, प्रधान नितिन बंसल व जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी आदि ने उनकी सुध नहीं ली। भाजपा के इस कार्यक्रम में भी जनप्रतिनिधि चूरमा के लड्डू जीमते रहे और जनता जार-जार रोने को विवश है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान भाजपा से जुड़े इन जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों ने आड़े हाथों लिया तथा जमकर खरी-खरी सुनाई। उधर, शुक्रवार को रोहिड़ा में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर का भी बहिष्कार किया गया।

झंडा नहीं थामेंगे, अब डंडा लेकर आएंगे
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान नितिन बंसल ने तो ग्रामीणों का ज्ञापन तक साइड में रख दिया था। लोगों ने खुले तौर पर कहा कि आप लोग हमारे ही वोटों से जीतकर आते हैं और हमारा ही शोषण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने चेताया कि चुनाव के दौरान इस बार हम लोग आपके साथ पार्टी का झंडा लेकर नहीं बल्कि आपके पीछे डंडा लेकर चलेंगे।

सांसद व विधायक को दिखाए काले झंडे
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों का घेराव किया तथा तल्ख सवाल किए। पूछा कि क्षेत्र में मैसर्स कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड को करीब 800 हैक्टेयर भूमि पर चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित है, जिसके विरोध में जनता पिछले डेढ़ माह से आंदोलनरत है, लेकिन जनप्रतिनिधि उनके बीच क्यों नहीं पहुंचे। लोगों ने काले झंडे दिखाए तथा जमकर नारेबाजी की।

सिरोही. आक्रोशित ग्रामीणों से वार्तालाप करते विधायक व सांसद।

भाजपा नेताओं को उल्टे पांव लौटना पड़ा
इस दौरान ग्रामीणों की मांग पर भाजपा नेताओं ने आश्वस्त किया कि आप अपना प्रतिनिधि मंडल बनाइएं, हम लोग जल्द ही जयपुर जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे तथा खनन परियोजना को निरस्त करवाने की मांग रखा जाएगी। लेकिन, ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक लिखित में आदेश नहीं आते, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। इसके बाद भाजपा नेताओं को उल्टे पांव लौटना पड़ा।

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